देश में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे. उम्मीदवारों की किस्मत EVM में कैद हो गई है. मिजोरम, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुके है. मंगलवार को गिनती के साथ पांचों राज्यों के नतीजे घोषित किये जाएंगे. टीवी में एग्जोट पोल दिखने शुरू हो गए हैं जिसमें चुनावी रुझान दिखाए जा रहे है. राजस्थान , मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर है. न्यूज नेशन के एग्जिट पोल के मुताबिक मध्य प्रदेश में 15 सालों बाद इस बार कांग्रेस बीजेपी को कड़ी टक्कर देते हुए नजर आ रही है. आंकड़ों के मुताबिक कांग्रेस को राज्य में 105 से 109 सीटें मिल सकती है. वहीं, तेलंगाना में सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समति(टीआरएस), कांग्रेस-टीडीपी गठबंधन और बीजेपी में त्रिकोणीय मुकाबला है. एग्जिट पोल में अनुमान लगाया जाएगा कि आखिर कौन रहेगा सत्ता में काबिज और किसके हाथ से दूर होगी सत्ता. एग्जिट पोल के दौरान मतदाताओं के मूड का अनुमान पार्टियों को पता चल सकेगा. चुनावी माहौल में एग्जोट पोल के अनुमान कभी सटीक भी साबित होते है और कभी असल नतीजे इससे एकदम विपरीत होते है. ऐसे में सवाल उठते है कि क्या एग्जिट पोल एक दम सटीक होते हैं?
क्या होता है एग्जिट पोल?
एग्जिट पोल पोलिंग बूथ से मतदान कर बाहर आये लोगों से बातचीत या उनके रुझानों पर आधारित हैं. इनके जरिए अनुमान लगाया जाता है कि रुझान किस की तरफ है. इसमें बड़े पैमाने पर वोटरों से बात की जाती है.
भारत निर्वाचन आयोग की ओर से विधानसभा चुनाव की अधिसूचित अवधि तक लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126 (क) के प्रावधानों के तहत मत सर्वेक्षण (Exit Poll) करना और उसका परिणाम प्रकाशित और प्रसारित करना प्रतिबंधित किया गया है. चुनाव के संबंध में किसी भी प्रकार के एक्जिट पोल का संचालन करने और प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से इसके परिणाम के प्रकाशन, प्रचार या किसी भी अन्य तरीके से उसका प्रसार करने पर प्रतिबंधित होगा.
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कब सही और गलत साबित हुए एग्जिट पोल?
* 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में एग्जिट पोल लगभग सटीक है. पोल में अनुमान लगाया गया था कि बीजेपी सर्वश्रेष्ठ पार्टी बनकर उभरेगी. इस चुनाव में कुल 543 सीटों में से बीजेपी को अकेले 282 सीटें मिली थी जबकि एनडीए ने कुल 334 सीटों पर जीत हासिल की थी. तो वहीं, कांग्रेस सिर्फ 44 सीटों पर सिमट कर रह गयी थी.
* 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के लिए हुए एग्जिट पोल में साफतौर पर एनडीए गठबंधन को आगे बढ़ते हुए दिखाया गया था. लेकिन, जब चुनाव परिणाम इसके बिलकुल विपरीत आये थे. इसमें राजद और जेडीयू के महागठबंधन को पूर्ण बहुमत मिला. 243 सीटों वाली विधानसभा में महागठबंधन को 178 सीटों के साथ भारी बहुमत मिला था.
* दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद अधिकतर एग्जिट पोल में भारतीय जनता पार्टी को बढ़त दिखाई गई थी. लेकिन, एग्जिट पोल पूरी तरह से गलत साबित हुआ था. जबकि, आम आदमी पार्टी ने राजधानी दिल्ली में हुए दोनों विधानसभा चुनाव के बाद अपनी सरकार बनायी थी.
बता दें कि चुनाव आयोग ने 12 नवंबर से 7 दिसंबर तक लगाई एग्जिट पोल पर रोक लगा दी थी.
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Source : News Nation Bureau