विदेश मंत्री एस. जयशंकर 15 अक्टूबर को मिस्र की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे, जिसके दौरान समकक्ष समेह शौकी के साथ कई द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करने की उम्मीद है. यह उनकी मिस्र की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, विदेश मंत्री छात्रों सहित मिस्र में स्थित भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करेंगे और मिस्र और भारतीय व्यापारिक समुदाय की एक सभा को संबोधित करेंगे. दोनों देश इस वर्ष राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष मना रहे हैं. 2022-23 में जी-20 की भारत की अध्यक्षता के दौरान मिस्र को अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया गया है.
मिस्र अफ्रीका में भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक रहा है और यात्रा के दौरान द्विपक्षीय व्यापार, वाणिज्य और निवेश को बढ़ावा देना फोकस क्षेत्रों में से एक होगा. वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान भारत-मिस्र द्विपक्षीय व्यापार 7.26 अरब अमेरिकी डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू गया. मिस्र में भारतीय निवेश 3.15 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है. मिस्र में विनिर्माण, रसायन, ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, खुदरा आदि जैसे क्षेत्रों में 50 से अधिक भारतीय कंपनियां सक्रिय रूप से मौजूद हैं.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि मिस्र की यात्रा हमारे द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों के पूरे पहलू की समीक्षा करने और मिस्र के नेतृत्व के साथ पारस्परिक हित के मुद्दों की एक पूरी श्रृंखला को कवर करने के लिए विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान करेगी. बयान में आगे कहा गया है कि यह यात्रा सहयोग को गहरा करने और द्विपक्षीय साझेदारी में नई पहल का पता लगाने का अवसर प्रदान करेगी.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर दो दिनों की आस्ट्रेलिया के दौरे पर है जहां उन्होंने आस्ट्रेलिया के आधिकारियों से बैकलॉग वीजा के मुद्दे पर बात की जिस पर आस्ट्रेलियाई आधिकारियों से कहा कि इस साल के अन्त तक यह हल हो जायेगा . इस साल 77 हजार छात्र आस्ट्रेलिया वापस जा चुके है. वर्तमान समय में करीब 1 लाख 5 हजार छात्र आस्ट्रेलिया के अलग-अलग यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे है.
Source : IANS