धर्म के बारे में खुलकर अपनी बेबाक राय रखने वाली मशहूर लेखिका तस्लीमा नसरीन ने फेसबुक को अपनी आईडी अनब्लॉक करने के लिए कहा है. एक के बाद एक ट्वीट करके उन्होंने ना सिर्फ लड़कियों पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा उठाया, बल्कि कट्टरपंथी इस्लाम पर भी सवाल खड़े किए.
तस्लीमा नसीर का फेसबुक आईडी ब्लॉक हो गया है. जिसे लेकर उन्होंने कहा कि फेसबुक ने बाल बलात्कार के खिलाफ एक पुराने पोस्ट के लिए मुझे ब्लॉक कर दिया है. बलात्कारियों के बहुत से लोगों ने रिपोर्ट किया, फेसबुक ने मुझे ब्लॉक करके उनका सम्मान किया.
उन्होंने आगे कहा कि फेसबुक हमारे लिए एक मंच है जो समानता और न्याय के लिए लड़ रहे हैं. लेकिन ऐसा लगता है कि एफबी उन कट्टरपंथियों के पक्षधर हैं, क्योंकि उनकी संख्या बड़ी हैं.
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तस्लीमा ने आगे कहा कि पागल इस्लामवादी योजना बनाते हैं और रिपोर्ट करते हैं. जिसकी वजह से मानवीय मानवतावादी अवरुद्ध हो जाते हैं. फेसबुक यह अनुचित है. कृपया अपना सिस्टम बदलें और वे कट्टरपंथी लगातार फ्रीथिंकर, महिलाओं, गैर-मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं. हम रिपोर्ट नहीं करते. हम अपने काम में व्यस्त हैं. कृपया मुझे अनब्लॉक करें.
इससे पहले ट्वीट करके उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में बलात्कार के लिए मौत की सजा दी. अब क्या? कोई बलात्कार नहीं होगा? जरूर करेंगे. पितृसत्ता और धर्म महिलाओं को सेक्स ऑब्जेक्ट के रूप में मानते हैं. राज्य और समाज को बेहतर रूप से धर्मनिरपेक्ष बनाना. हज़ारों मस्जिदें, मदरसे और वेश्याएं बनती हैं. गुर्गों को गुमराह करने वालों से रोज़ बलात्कार होता है.
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उन्होंने आगे कहा कि राज्य को सुरक्षित करें, मेरा मतलब राज्य से अलग धर्म है., समाज को सुरक्षित करें, मेरा मतलब है कि समाज से अलग धर्म, शिक्षा आदि से. कई लोगों के लिए धर्मनिरपेक्षता सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार करने या सभी धर्मों के बर्बरता को समान रूप से अपनाने के बारे में है. सही अर्थ नहीं.
Source : News Nation Bureau