भारत सरकार ने फेसबुक डेटा लीक मामले पर कैंब्रिज एनालिटिका कंपनी को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने नोटिस जारी कर कैंब्रिज एनालिटिका से छह सवालों के जवाब को 31 मार्च तक देने को कहा है।
केंद्र सरकार ने कंपनी से सवाल किए हैं कि हैं कि उन्होंने किस तरह फेसबुक यूजर के डेटा को इकट्ठा किया, इसे किस तरह उपयोग किया गया और क्या इसके लिए यूजर से सहमति ली गई थी।
अमेरिकी चुनावों में फेसबुक यूजर्स के डेटा लीक मामला सामने आने और भारत में भी कुछ पार्टियों द्वारा चुनाव के लिए इस कंपनी के इस्तेमाल के बाद यह विवाद गहरा गया है।
इससे पहले केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि अगर डेटा चुराकर चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश की गई तो फेसबुक और उसके संस्थापक मार्क जुकरबर्ग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रसाद ने कहा था कि अगर कार्रवाई में जरूरत पड़ी तो मार्क जुकरबर्ग को भारत में समन किया जाएगा।
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जहां डेटा चोरी करने वाली कंपनी के साथ कांग्रेस पर काम करने का आरोप लगाया तो वहीं कांग्रेस ने भी बीजेपी पर जवाबी पलटवार करते हुए 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में इस कंपनी की सेवा करने आरोप लगाया है।
कैंब्रिज एनालिटिका की सहायक भारतीय कंपनी ओवलेनो बिजनेस इंटेलिजेंस (ओबीआई) की वेबसाइट बताती है कि इसने बीजेपी, कांग्रेस, नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड को अपनी सेवाएं दी हैं।
ओवलेनो कंपनी के प्रमुख जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के नेता के सी त्यागी के बेटे अमरीश त्यागी हैं।
बता दें कि कैंब्रिज एनालिटिका लंदन में स्थित एक निजी कंपनी है, जो डाटा एनालिसिस का काम करती है। इसके सहारे कंपनी चुनावी रणनीति तैयार करने में राजनीतिक पार्टियों की मदद करती है।
कहां से शुरू हुआ विवाद:
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रंप की मदद करने वाली एक कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका पर 5 करोड़ फेसबुक उपभोक्ताओं की निजी जानकारी चुराने का आरोप लगा।
बताया गया है कि फेसबुक यूजर्स की इन जानकारी का उपयोग करके वोटर्स को प्रभावित किया गया और चुनाव में ट्रंप के पक्ष में वोटिंग करवाया गया।
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HIGHLIGHTS
- केंद्र सरकार ने कैंब्रिज एनालिटिका कंपनी को नोटिस भेजकर जवाब मांगा
- कंपनी को छह सवालों के जवाब को 31 मार्च तक दाखिल करने को कहा है
Source : News Nation Bureau