फेसबुक के खिलाफ द वॉल स्ट्रीट जर्नल में छपी रिपोर्ट के बाद अब यह मामला और गहराता जा रहा है. कांग्रेस की ओर फेसबुक प्रमुख मार्क जुकरबर्ग को एक चिट्ठी लिखी गई है और मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है. इसी के साथ कांग्रेस ने इस पत्र में अपील की है कि इस मामले की जांच पूरी होने तक फेसबुक इंडिया की जिम्मेदारी नई टीम को सौंपी जाए ताकी जांच की प्रक्रिया प्रभावित न हो.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस पत्र को ट्वीट करते हुए कहा, 'हम हमारे लोकतंत्र में फेक न्यूज औ हेट स्पीच के जरिए किसी भी तरह की हेरफेर नहीं होने दे सकते. ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ की तरफ से किए गए खुलासों के बाद हर भारतीयों को इस बारे में सवाल पूछना चाहिए.'
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We cannot allow any manipulation of our hard-earned democracy through bias, fake news & hate speech.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 18, 2020
As exposed by @WSJ, Facebook’s involvement in peddling fake and hate news needs to be questioned by all Indians. pic.twitter.com/AvBR6P0wAK
गौरतलब है कि पूरा विवाद अमेरिकी अखबार ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ की ओर से शुक्रवार को प्रकाशित रिपोर्ट के बाद शुरू हुआ. इस रिपोर्ट में फेसबुक के अनाम सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि फेसबुक के वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक बीजेपी विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में दखलंदाजी की थी.
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उधर, फेसबुक ने इस तरह के आरोपों के बीच सोमवार को सफाई देते हुए कहा कि उसके मंच पर ऐसे भाषणों और सामग्री पर अंकुश लगाया जाता है, जिनसे हिंसा फैलने की आशंका रहती है. इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि उसकी ये नीतियां वैश्विक स्तर पर लागू की जाती हैं और इसमें यह नहीं देखा जाता कि यह किस राजनीतिक दल से संबंधित मामला है. फेसबुक ने इसके साथ ही यह स्वीकार किया है कि वह नफरत फैलाने वाली सभी सामग्रियों पर अंकुश लगाती है, लेकिन इस दिशा में और बहुत कुछ करने की जरूरत है.
वेणुगोपाल ने फेसबुक के संस्थापक को लिखे पत्र में इस मामले का हवाला दिया और कहा कि इससे कांग्रेस को बहुत निराशा हुई है. उन्होंने जुकरबर्ग को सुझाव दिया, ‘फेसबुक मुख्यालय की तरफ से उच्च स्तरीय जांच आरंभ की जाए और एक या दो महीने के भीतर इसे पूरा कर जांच रिपोर्ट कंपनी के बोर्ड को सौंपी जाए. इस रिपोर्ट को सार्वजनिक भी किया जाए.’
(भाषा से इनपुट)