कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीन को सबसे बड़ा हथियार माना जा रह है. पूरी दुनिया में इसके लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. खुद डब्ल्यूएचओ इसकी निगरानी कर रहा है. अब टीकाकरण अभियान में अनियमितताएं की खबरें सामने आ रही हैं. डब्ल्यूएचओ के नकली कोविशील्ड वैक्सीन मिलने पर आगाह करने के बाद हड़कंप मच गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस मामले में नाराजगी जताते हुए कहा कि नकली वैक्सीन मिलना चिंता की बात है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि कोरोना के कारण स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पहले से दवाब में काम कर रही हैं. इस तरह के मामले सामने आने के बाद इन पर दवाब और बढ़ सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का साफ कहना है कि समय रहते ऐसी वैक्सीन की पहचान की जाए और फिर इन्हें सप्लाई चेन से बाहर किया जाना जरूरी है.
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कैसे मिली जानकारी
इस मामले की खुलासा तब हुई जब भारत में कोविशील्ड की वैक्सीन 2ml में उपलब्ध दिखी. ऐसा इसलिए कि सीरम इंस्टीट्यूट के द्वारा 2ml में कोविशील्ड वैक्सीन का उत्पादन किया ही नहीं जाता है. ऐसे में यह सभी वैक्सीन नकली हैं. वहीं दूसरी तरफ युगांडा में बैच नंबर 4121Z040 और अगस्त 2021 में एक्सपायरी वाली वैक्सीन मिली थी. इस बारे में जब सीरम इंस्टीट्यूट से जानकारी ली गई तो उसने कहा कि उसने ये वैक्सीन बनाई ही नहीं.
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WHO ने दी चेतावनी
नकली वैक्सीन के मामले सामने आने के बाद डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसी ने नकली वैक्सीन लगवा ली है और उसके शरीर में लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर को दिखना चाहिए. इस मामले को भारत सरकार ने भी काफी गंभीरता से लिया है. अब WHO ने सभी हेल्थ सेंटर्स, सप्लायर्स, डिस्ट्रीब्यूटर्स को सर्तक रहने की हिदायत दी है. भारत अपने वैक्सीनेशन अभियान को लगातार तेज कर रहा है. भारत में अब तक 56 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है.
HIGHLIGHTS
- कोविशील्ड की नकली वैक्सीन मिली
- भारत और युगांडा में मिली नकली वैक्सीन
- WHO ने किया आगाह, दी ये सलाह
Source : News Nation Bureau