हरियाणा के सूरजकुंड में 2 दिवसीय चिंतन शिविर के दूसरे दिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सत्र को संबोधित किया. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि एक फेक न्यूज पूरे देश में बवाल खड़ा कर सकती है, इसलिए फेक न्यूज का फैक्ट चेक करना जरूरी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश में टेक्नोलॉजी तेजी से बढ़ रही है. वहीं जितनी तेजी से भारत आगे बढ़ रहा है, उतनी ही तेजी से चुनौतियां भी बढ़ रही है. ऐसे में सोचल मीडिया की शक्ति को हमें उसके काम मात्र से नहीं आंकना चाहिए. एक छोटी सी फेक न्यूज देश में बवाल खड़ा कर सकती है. उन्होंने बताया कि आरक्षण को लेकर भी फेक न्यूज फैलने पर ऐसा ही हुआ था. ऐसे में लोगों को जागरूक करते रहना होगा, ताकि भरोसा करने और कुछ भी फॉरवर्ड करने से पहले लोग फैक्ट चेक करें. फेक न्यूज को रोकने के लिए इसके और सोसाइटी के बीच में बड़ी शक्ति खड़ी करनी होगी.
प्रधानमंत्री ने बताया कि कानून व्यवस्था अब एक राज्य में सिमटी व्यवस्था नहीं रह गई है. अब अपराध इंटर एस्टेट और इंटरनेशनल हो रहे है. अपराधी इंटरनेट के जरिए दूसरे राज्य में अपराध करने की भयंकर ताकत रखते हैं. देश की सीमा से बाहर बैठे अपराधी भी टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा इसके सभी राज्यों और केंद्र की एजेंसियों में समन्वय जरूरी है. कई बार केंद्रीय एजेंसियों को अलग अलग राज्य में और अन्य देशों में भी जांच करनी पड़ती है. इसलिए सभी राज्यों का दायित्व है कि एकसाथ मिलकर काम करें.
प्रधानमंत्री ने कहा कि साइबर क्राइम और ड्रोन के जरिए ड्रग्स तस्करी के लिए हमें नई टेक्नोलॉजी पर काम करते रहना होगा. 5जी आने से एक तरफ फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी, ड्रोन और सीसीटीवी टेक्नोलॉजी में सुधार होने वाला है, तो वहीं क्राइम करने वाले लोग भी टेक्नोलॉजी में आगे जा रहे हैं. उनसे हमें 10 कदम आगे रहना होगा.
नरेंद्र मोदी ने सभी मुख्यमंत्रियों और गृह मंत्रियों से अनुरोध करते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी को बजट के तराजू में ना तौलें. टेक्नोलॉजी के विषय में एक टीम बनाने के बारे में सोचना चाहिए. इसमें जो बजट जाएगा, वो सैकड़ों खचरें को बचाने का काम करेगा. उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी, क्राइम रोकने और क्राइम की जांच में भी मदद करती है. कितने ही अपराधी सीसीटीवी से पकड़े जा रहे हैं. सभी को बड़ा मन रखकर एक कॉमन प्रोग्राम बनाने के बारे में सोचना चाहिए और अपनी टेक्नोलॉजी को एकदूसरे से साझा भी करना चाहिए.
Source : IANS