आखिर बच्चों के खाने के प्रोडक्ट्स में शुगर मिलाना कितना खतरनाक है ? इस तरह के प्रोडक्ट्स बच्चों को भविष्य में कितनी हानि पहुंचा सकते है? दरअसल , हाल ही में एक अंग्रेजी अखबार ने स्विस एनजीओ पब्लिक आई (Public Eye) और इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क (IBFAN) के डेटा का हवाला देते हुए खबर छापी कि एक जानी मानी एफएमसीजी कंपनी (Nestle) भारत सहित कई विकासशील देशों में शुगर और शहद मिलाकर अपने प्रोडक्ट्स की बिक्री करती है. जबकि वह ऐसा यूरोपीय और अमरीकी देशों के साथ नहीं करती है.
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IBFAN की रिपोर्ट में विभिन्न देशों में बेचे जाने वाले करीब 150 विभिन्न बेबी प्रोडक्ट्स का अध्ययन किया गया. रिपोर्ट में बताया गया कि छह महीने के बच्चों के लिए नेस्ले का गेहूं से बना प्रोडक्ट ‘सेरेलैक’ ब्रिटेन और जर्मनी में बिना किसी एक्स्ट्रा शुगर के बेचा जाता है, जबकि भारत से विश्लेषण किए गए 15 सेरेलैक उत्पादों में एक बार के खाने में यानी हर सर्विंग में औसतन 2.7 ग्राम शुगर पाई गई थी.
कंपनी ने एक आधिकारिक बयान जारी किया
इस पूरे मामले को लेकर कंपनी ने एक आधिकारिक बयान जारी किया है - "हम अपने उत्पादों की पोषण गुणवत्ता से कभी समझौता नहीं करते हैं और न ही करेंगे. हम अपने उत्पादों की पोषण संबंधी प्रोफाइल को बढ़ाने के लिए लगातार अपने व्यापक ग्लोबल रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट (R&D) नेटवर्क का लाभ उठाते हैं." कंपनी ने सफाई देते हुए कहा है कि उसने पिछले 5 साल में 30 फीसदी से ज्यादा शुगर की कमी की है.
Source : News Nation Bureau