केंद्रीय जल शक्ति, सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ( Rattan Lal Kataria ) ने गुरुवार को एक बार फिर कांग्रेस (Congress) पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया. रतनलाल कटारिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में सुधार लाने और किसानों (Farmers) की आमदनी दोगुनी करने के लिए ही तीन कानून (Farm Laws) लाए हैं, इसलिए आंदोलनरत किसानों (Farmers Protest) को बातचीत की मेज पर वापस आकर मसले का समाधान करना चाहिए, क्योंकि इस आंदोलन (movement) से देश को बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है.
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राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, "आज भी मोदी सरकार हाथ जोड़कर खड़ी है कि किसान बातचीत के लिए टेबल पर आएं. इस आंदोलन से देश को बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है. इसलिए महाशिवरात्रि के इस महान पर्व पर किसानों से हाथ जोड़कर विनती है कि वे वार्ता के लिए टेबल पर आएं और इस समस्या को हल करें." उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब इन तीन कानूनों के जरिए किसानों की आमदनी दोगुनी होगी.
रतनलाल कटारिया हरियाणा के अंबाला से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद हैं. किसान आंदोलन के सिलसिले में प्रदेश के हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों के सिलिसिले में पूछे गए सवालों पर उन्होंने कहा, "जिन राजनीतिक दलों ने किसान आंदोलन के बहाने प्रदेश में अराजकता फैलाने की कोशिश की थी, उनके मंसूबे धराशायी हो गए हैं. जो हमारे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला रहे थे, उनका अपना ही आत्मविश्वास डगमगा गया है."
हरियाणा में भाजपा और जननायक जनता पार्टी गठबंधन सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा विधानसभा में बुधवार को लाया गया अविश्वास प्रस्ताव विफल हो गया.
किसानों की तुलना भगवान से करते हुए केंद्रीय जलशक्ति, सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्यमंत्री ने कहा कि किसानों ने खाद्यान्नों के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाया है. उन्होंने कहा, "हमने जीवनभर उनके (किसानों) लिए लड़ाई लड़ी है."
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उन्होंने कहा, "किसानों की आय दोगुनी करने के लिए ही हमने तीन कानून लाए हैं. इन कानूनों को लेकर कांग्रेस और कुछ अन्य दलों द्वारा किसानों को दिग्भ्रिमित करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन इन दलों को इसके परिणामस्वरूप कड़ी शिकस्त मिलेगी."
कांग्रेस की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, "ये लोग सदन में चर्चा नहीं होने देते हैं. बार-बार वॉकआउट करके ये लोग संसद का ही नहीं, बल्कि देश का समय बर्बाद करते हैं. इनकी कथनी और करनी में अंतर है. आठ मार्च को कांग्रेस के एक नेता संसद में बोले कि सोनिया गांधी जी चाहती हैं कि आज ही संसद में महिला आरक्षण बिल पेश किया जाए. लेकिन जब स्पीकर ने कहा कि महिलाओं के अधिकारों पर चर्चा होगी तो वे वॉकआउट करके चले गए. पूरा देश इनका दोहरा चरित्र देख रहा है."