उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि किसानों की कर्जमाफी उनकी समस्या का स्थाई समाधान नहीं हो सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि मुफ्त बिजली और किसानों की कर्जमाफी एक जैसा ही है।
उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा, 'किसान कर्जमाफी सिर्फ एक अस्थाई समाधान है, न कि दीर्घकालिक। यही मामला मुफ्त बिजली के साथ भी है। किसानों के स्थिति को ठीक करने के लिए नीतियों में बदलाव करने की जरूरत है।'
कृषि क्षेत्र के विकास के लिए समाधानों की अधिकता के बारे में बात करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि कृषि के आधुनिकीकरण का आंख बंद कर विरोध करने की जरूरत नहीं है और साथ ही इसी तरह परंपरागत खेती को भी दरकिनार नहीं करना चाहिए।
नायडू ने कहा, 'प्राकृतिक खेती, जैविक खेती, जल संरक्षण इस समय सबसे ज्यादा जरूरी हैं। नदियों के जुड़ाव से कई समस्याएं खत्म की जा सकती हैं। किसानों को उनके फसल को बचाने के लिए भंडार गृह और कोल्ड स्टोरेज गाड़ियों जैसी सुविधाओं की जरूरत है। भोजन संसाधनों को अधिक से अधिक विकसित करना चाहिए'।
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उपराष्ट्रपति ने कहा, 'हमारी सरकार कीमतों को फिक्स कर किसानों की मदद के लिए ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) लॉन्च कर रही है। पीएम मोदी का नीम की परत वाले यूरिया के विचार से यूरिया की अवैध कमी को रोका गया। किसानों के वास्तविक कल्याण के लिए ऐसे कई नए विचारों को लाने की जरूरत है।'
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में किसानों के लिए प्रकाशित की जाने वाली एक पत्रिका के सालगिरह समारोह पर बोल रहे थे।
आपको बता दें कि इसी साल जून महीने में केंद्रीय मंत्री रहते हुए वेंकैया नायडू ने विवादित बयान दिया था और कहा था कि किसानों की कर्ज माफी आजकल फैशन की तरह हो गया है।
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HIGHLIGHTS
- उपराष्ट्रपति ने कहा कि मुफ्त बिजली और किसानों की कर्जमाफी एक जैसा ही है
- कृषि के आधुनिकीकरण का आंख बंद कर विरोध करने की जरूरत नहीं है: नायडू
Source : News Nation Bureau