कृषि कानूनों के मुद्दे पर किसानों और सरकार के बीच शुक्रवार को एक और दौर की बातचीत खत्म हुई. 9वें दौर की बैठक भी बेनतीजा रही. सरकार और किसान अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं. सरकार ने बैठक में साफ कर दिया कि वह कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी. वहीं, किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं. सरकार के साथ जारी बैठक में किसान नेता बलवंत सिंह ने एक नोट लिखा है. सरकार से नाराज दिख रहे बलवंत सिंह ने लिखा कि या मरेंगे या जीतेंगे.
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सरकार और किसान संगठनों के बीच बैठक खत्म हो गई है. आज की बैठक करीब 3 घंटे चली. अब 15 जनवरी को फिर सरकार और किसान नेताओं के बीच बैठक होगी. वहीं, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने किसानों के मुद्दे पर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा कि किसान अपनी MSP के लिए आवाज उठाएगा तो उसे छज्जे गिराने की धमकी दी जाएगी. यूपी में सरकारी गड़बड़ी की वजह से 7.5 लाख से अधिक किसानों को 'सम्मान निधि' नहीं मिली लेकिन सरकार ने किसान आंदोलन रोकने के लिए नोडल अधिकारी बनाएं हैं. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि बीजेपी किसानों का ऐसे सम्मान करती है.
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दरअसल, बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कानून पूरे देश के लिए है न कि किसी राज्य के लिए. देश के किसान इन कानूनों को खूब समर्थन दे रहे हैं. कृषि मंत्री ने कहा कि किसान नेताओं को देश हित में आंदोलन को वापस लेना चाहिए. वहीं, किसानो़ं ने कहा कि वो कानून को वापस कराना चाहते हैं. इसके अलावा कुछ मंजूर नहीं. बैठक में सरकार ने ये भी साफ कर दिया कि वो कानून वापस नहीं लेगी.
Source : News Nation Bureau