दिल्ली के विज्ञान भवन में शनिवार को कृषि कानूनों को लेकर किसान नेताओं और सरकार के बीच 5वें दौर की बैठक बेनतीजा रही. सरकार और किसान नेताओं के बीच नौ दिसंबर को सुबह 11 बजे अगली बातचीत होगी. बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों से कह दिया गया है कि MSP जारी रहेगी, फिर भी शंका है तो सरकार समाधान करेगी.
कृषि मंत्री तोमर ने पत्रकारों से कहा कि APMC में सरकार किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं करेगी, ये राज्य सरकार का विषय है. सरकार समाधान का रास्ता निकलने की कोशिश कर रही है. किसानों के साथ 9 दिसंबर को फिर से बैठक होगी. किसान यूनियन से आग्रह है कि बुजुर्ग किसानों को घर भेज दे.
उन्होंने आगे कहा कि MSP को लेकर कोई शंका करने की जरूरत नहीं है. MSP बना रहेगा. मोदी सरकार की लगातार कोशिश है कि किसान की आय बढ़े. किसानों को बताना चाहता हूं कि सरकार उनके हितों की रक्षा करेगी. किसानों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध है. यूनियन से आग्रह करता हूं कि स्पष्ट हो जाए मुद्दे तो समाधान निकालने आसान हो जाएगा. किसान आंदोलन छोड़कर बात करे तो समाधान जरूरत निकलेगा. तोमर ने आगे कहा कि किसानों के कई प्रस्ताव आए हैं, लेकिन कुछ अस्पष्टता है. किसानों की ओर से स्पष्ट प्रस्ताव आ जाए तो समाधान निकालने में आसानी होगी.
सरकार ने नौ दिसंबर को अगली बैठक का प्रस्ताव रखा, ठोस प्रस्ताव के लिए वक्त मांगा
सरकार ने शनिवार को प्रदर्शनकारी किसानों के प्रतिनिधियों के साथ नौ दिसंबर को एक और बैठक का प्रस्ताव दिया है. दरअसल पांचवें दौर की बातचीत में भी कोई समाधान नहीं निकला, क्योंकि इसमें शामिल किसानों के प्रतिनिधि मौन व्रत धारण कर रखा था और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग का स्पष्ट ‘हां’ या ‘नहीं’ में जवाब चाह रहे थे.
सूत्रों ने बताया कि सरकार ने नौ दिसंबर को एक और चरण की बैठक का प्रस्ताव दिया है, क्योंकि वह चाहती है कि सरकार के भीतर अधिक विचार-विमर्श करके एक ठोस प्रस्ताव दिया जा सके. कृषि मंत्रालय ने बाद में ट्वीट किया कि पांचवें चरण की वार्ता समाप्त हो चुकी है. किसान नेताओं ने कहा कि वे चाहते हैं कि कानून पूरी तरह निरस्त हों. बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान नेताओं से बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को प्रदर्शन स्थलों से घर वापस भेजने की अपील की.
Source : News Nation Bureau