कृषि कानूनों के खिलाफ शुरू हुए किसान आंदोलन पर गुरुवार को एक बड़ा फैसला आने की उम्मीद है. केंद्र की ओर से दोबारा भेजे गए मसौदा प्रस्ताव पर किसानों ने अपनी सहमति जाहिर कर दी है. एसकेएम मसौदे पर आधिकारिक पुष्टि मांग आंदोलन पर अंतिम फैसला लेने की बात कर रहा है. संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा की गई बैठक में इस बात को भी साफ कर दिया गया है कि आंदोलन समाप्त नहीं किया जाएगा बल्कि उसे स्थगित किया जाएगा.एमएसपी पर किसानों की लड़ाई जारी रहेगी. किसानों के मुताबिक सरकार की ओर से इन सभी मांगों पर फॉर्मल लेटर भी जल्द आने की संभावना है, जिसके बाद गुरुवार 12 बजे मोर्चा बैठक कर किसान आगे की रणनीति सबके सामने रखेगा,
एसएसपी की कमेटी में होंगे एसकेएम के प्रतिनिधि
वहीं अपनी इन मांगों के अलावा किसान लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की भी लगातार मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर इसको लेकर कोई चर्चा नहीं की गई. किसान नेताओं के मुताबिक यह मामला सुप्रीम कोर्ट के अधीन है इसलिए जब तक वहां से फैसला नहीं हो जाता, हम इसपर कुछ नहीं कह सकते. दरअसल सरकार द्वारा दूसरी बार भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया कि सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश और उत्तराखंड में हुई एफआईआर को तुरंत प्रभाव से रद्द करने की बात मानी है. वहीं एमएसपी पर बनने वाली कमेटी पर भी एसकेएम के प्रतिनिधि होंगे.
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बिजली बिल पर पर भी किसान नेताओं से होगी बातचीत
साथ ही इलेक्ट्रीसिटी बिल पर भी एसकेएम प्रतिनिधियों से बात के बाद ही सरकार संसद में पेश करेगी. इसके अलावा मुआवजे पर भी सरकार ने किसानों को सहमती दे दी है. दूसरी ओर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, सरकार की ओर से भेजे गए मसौदे प्रस्ताव पर सहमति बन गई है. सरकर की ओर से इस संबंध में फॉर्मल लेटर मिलने के बाद गुरुवार एक किसान नेताओं की बैठक होगी, जिसमें आंदोलन को स्थगित करने को लेकर कोई निर्णय लिया जाएगा. दरअसल संयुक्त किसान मोर्चा कृषि कानून वापसी के बाद भी दिल्ली की सीमाओं पर बने रहे और सरकार के सामने कुछ अन्य मांगों को रखा, उनमें सबसे अहम एमएसपी की गारंटी की मांग है.
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आज हो रही है बड़ी बैठक
वहीं किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों पर दिल्ली, यूपी और हरियाणा में मुकदमे दर्ज किए गए हैं, (धारा 302 और 307 के केस छोड़कर) उन्हें वापस लेना भी शामिल है. साथ ही आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने की मांग भी किसानों ने की है. वहीं बिजली बिल 2020 को रद्द किए जाने की मांग और पराली जलाने पर होने वाली कार्रवाई को रोकने की मांग भी की गई थी. बुधवार को हुई संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक के बाद किसान जश्न मनाते दिखाई दिए वहीं मिठाई भी बांटी गई. बॉर्डर पर मौजूद किसानों ने इसे अपनी एक बड़ी जीत बताया है.
HIGHLIGHTS
- आज दोपहर 12 बजे होनी है किसानों की बैठक
- बैठक में आंदोलन पर लिया जा सकता है फैसला
- सरकार मांग के अनुरूप दे रही लिखित आश्वासन