Farmer Protest: दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन का आज पांचवां दिन रहा. किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य समेत अपनी अन्य मांगों पर अटल हैं तो सरकार किसानों से बार-बार बातचीत और शांति-व्यवस्था बनाए रखने की अपील कर रही है. इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि किसानों पर अत्याचार हो रहा है. मुजफ्फरनगर महापंचायत में बोल रहे राकेश टिकैत ने कहा कि देश में जमीनों के भाव आसमान छूते हैं, लेकिन फसलों के दाम नहीं कम ही रहते हैं. उन्होंने कहा कि हमने पिछले किसान आंदोलन के समय भी कहा था कि देश में रोटी का कब्जा होगा, भूख के आधार पर रोटी तय होगी.
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किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि इस सरकार में किसानों की कोई सुनवाई नहीं है. अगर ये सरकार अटल-आडवाणी की होती तो हमारी बात मानती. लेकिन क्या करें ये सरकार पूंजीपतियों की है, जिनसे हमारी लड़ाई है वो दिखाई नहीं देते. दिल्ली की सीमाओं पर वर्तमान में जारी किसान आंदोलन पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि ये संयुक्त किसान मोर्चा की कॉल नहीं थी. ये सभी किसानों की कॉल है. हम उनके साथ हैं. उन्होंने कहा कि आज की पंचायत में किसान आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति पर विचार किया गया है. अगर सरकार समझती है कि किसान गोली और लाठी से डर जाएगा तो यह उसकी गलतफहमी है. राकेश टिकैत ने कहा कि 21 फरवरी को तहसील स्तर पर एक दिवसीय प्रदर्शन किया जाएगा.
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भारतीय किसान युनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 26-27 फरवरी को हम ट्रैक्टर लेकर हरिद्वार से गाजीपुर तक खड़े रहेंगे. इसलिए सभी किसान अपने ट्रैक्टरों को मजबूत रखें. उन्होंने कहा कि हम न्यूनतम समर्थन मूल्य का समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा कि यह एक लड़ाई है, जिसमें लोग मारे भी जाएंगे, गोलियां भी चलेंगी और हम सामने रहेंगे.
किसान संगठनों की मांगें-
- सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बने
- डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से फसलों की कीमत तय हों
- किसान-खेत मजदूरों का कर्जा माफ हो, पेंशन दी जाए
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए
- लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए
- मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए
- किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा, सरकारी नौकरी मिले
- बिजली संशोधन बिल 2020 को रद्द किया जाए
- मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम, 700 रुपए दिहाड़ी हो
- नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां व खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए
- मिर्च, हल्दी एवं अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए
- संविधान की 5वीं सूची को लागू किया जाए
Source : News Nation Bureau