कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर दो महीने से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सोमवार को सिंघु बॉर्डर के नजदीक बैठक की, जिसमें 5 से 6 मुद्दों पर चर्चा की गई और कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. संयुक्त किसान मोर्चा ने 6 फरवरी को दिन के 12 बजे से 3 बजे तक पूरे देशभर में चक्का जाम करने का ऐलान किया. संयुक्त किसान मोर्चा ने पुलिस (Delhi Police) पर आरोप लगाया कि प्रदर्शन में आए नौजवानों को परेशान किया जा रहा है, बेवजह उनकी पिटाई और गिरफ्तारी की की जा रही है.
यह भी पढ़ेंः Exclusive : इस बजट में वित्त मंत्री मैन आफ द मैच बनीं : अनुराग ठाकुर
12 से 3 बजे तक नहीं चलेगी सड़क पर कोई गाड़ी
मोर्चा के अनुसार 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के बाद से किसानों के कई ट्रैक्टरों, वाहनों को जब्त किया गया है. साथ ही बॉर्डर के आसपास की जगहों को पूरी तरह ब्लॉक किया जा रहा है. धरना स्थल पर बिजली, पानी की आपूर्ति और इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. इन सबके विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा ने फैसला लिया गया है कि 6 फरवरी को देशभर की मुख्य सड़कों पर दिन के 12 से 3 बजे तक कोई गाड़ी नहीं चलने दी जाएगी.
यह भी पढ़ेंः किसान आंदोलन से जुड़े 250 Twitter अकाउंट सस्पेंड
सरकार पर साजिश का आरोप
किसान संगठनों और सरकार के बीच 11 दौर की बातचीत बेनतीजा रही है. 11वीं बैठक में सरकार की तरफ से नए कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक स्थगित करने का प्रस्ताव दिया, लेकिन किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की लिखित गारंटी और इन कानूनों को वापस लेने की मांग पर अडिग हैं. आंदोलनकारी किसानों का कहना है कि 26 जनवरी को लालकिले पर हुई घटना में इनके लोग नहीं थे, बल्कि बाहर से आए लोग थे जो घटना को अंजाम देने के बाद कहां चले गए, किसी को पता नहीं है.