जहां एक तरफ पाकिस्तान बॉर्डर के इलाकों से ड्रोन के जरिये हथियारों को भेजने का काम कर रहा है. तो वही जम्मू के बॉर्डर पर किसानों ने ड्रोन का इस्तेमाल कर अपने खेतों की पैदा वार को बढ़ाने के लिए शुरू किया हैं. कठुआ के हीरानगर इलाके में कृषि विभाग ने किसानों को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ड्रोन के इस्तेमाल करने की जानकारी देना शुरू किया है.ड्रोन के इस्तेमाल की शुरुआत सरकार द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रम "एक गांव एक ड्रोन" के तहत की गई है.
इस कार्यक्रम के तहत गांव के लोगो को ड्रोन द्वारा कीटनाशकों के छिड़काव को लेकर जानकारी दी जा रही है. जम्मू ,कठुआ , साम्बा में बॉर्डर से किसानों की हज़ारों हेक्टर ज़मीन लगी हुई है. बीएसएफ ने पिछले कुछ समय मे किसानों को फेंसिंग के आगे की ज़मीन को भी खेती के लिए खाली करके दिया है. जहाँ अब किसान फसल लगा रहे है.
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लोगो को खेती में भारी नुकसान
अमूमन पहले बॉर्डर के इन इलाकों में पाकिस्तान द्वारा फायरिंग की जाती थी और लोगो को खेती में भारी नुकसान उठाना पड़ता था. पिछले कुछ समय से फायरिंग बंद होने के चलते अब किसानों के चेहरे खिले हुए है और अब ड्रोन से मिलने जा रही मदद से उनको आने वाले दिनों में अच्छी पैदावार की भी उम्मीद है.वही जब पाकिस्तान ड्रोन का इस्तेमाल बॉर्डर पार से हथ्यार सप्लाई करने के लिए अभी भी कर रहा है तो वही बॉर्डर के इस तरफ किसानों द्वारा खेती के लिए इस्तेमाल किया जा रहा ये ड्रोन बॉर्डर पार के मुल्क पाकिस्तान को आइना दिखाने का काम कर रहा है.
HIGHLIGHTS
- साम्बा में बॉर्डर से किसानों की हज़ारों हेक्टर ज़मीन लगी हुई है
- ज़मीन को भी खेती के लिए खाली करके दिया
- फायरिंग बंद होने के चलते अब किसानों के चेहरे खिले हुए