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Farmers Protest: MSP पर क़ानून बने यह किसानों के लिए फायदेमंद होगा: राकेश टिकैत

किसान आंदोलन का  75वां दिन है लेकिन अभी तक उनकी समस्या का कोई हल नहीं निकल सका है. बॉर्डर पर तमाम राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का आना जारी है, हालांकि किसानों ने साफ कर दिया है कि किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेताओं को मंच से भाषण नहीं देने देंगे क्यों

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Vineeta Mandal
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किसान आंदोलन

किसान आंदोलन( Photo Credit : फाइल फोटो)

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किसान आंदोलन (Farmers Protest) का 75वां दिन है लेकिन अभी तक उनकी समस्या का कोई हल नहीं निकल सका है. किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि 2 अक्टूूबर तक सरकार हर हाल में कृषि कानूनों (New Farm Laws) को वापस ले ले. वहीं बॉर्डर पर तमाम राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का आना जारी है, हालांकि किसानों ने साफ कर दिया है कि किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेताओं को मंच से भाषण नहीं देने देंगे क्योंकि ये आंदोलन राजनीतिक आंदोलन नहीं है. 

रविवार को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत उत्तराखंड की मिट्टी, जल और पौधे लेकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे और किसानों को अपना समर्थन दिया. किसान आंदोलन पर बोलते हुए हरीश रावत ने आईएएनएस से कहा कि, पूरा देश किसानों के साथ है, सरकार को अपनी हठधर्मी छोड़नी चहिये और इन कानूनों को वापस लेना चाहिए, आखिर किसान इन कानूनों को रद्द करने की ही तो बात कर रहे हैं. 

  • Feb 08, 2021 14:38 IST

    किसान चाहते हैं कि MSP की गांरटी एक्ट में हो. जब मोदी साहब गुजरात के मुख्यमंत्री थे और कमेटी के अध्यक्ष थे उस वक्त उन्होंने ही लिखित में कहा था कि किसानों को MSP लिखित में मिलनी चाहिए. आज वे क्यों नहीं दे रहे हैं: मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता



  • Feb 08, 2021 14:05 IST

    कुछ लोग खासकर पंजाब के सिख भाईयों के दिमाग में गलत चीजें भरने में लगे हैं, ये देश हर सिख के लिए गर्व करता है. कुछ लोग उनके लिए जो भाषा बोलते हैं, उनको गुमराह करने की कोशिश करते हैं इससे कभी देश का भला नहीं होगा: राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी



  • Feb 08, 2021 14:04 IST

    भारत अस्थिर, अशांत रहे इसके लिए कुछ लोग लगातार कोशिश कर रहे हैं हमें इन लोगों को जानना होगा. हम ये न भूलें कि जब बंटवारा हुआ तो सबसे ज़्यादा पंजाब को भुगतना पड़ा, जब 1984 के दंगे हुए सबसे ज़्यादा आंसू पंजाब के बहे: प्रधानमंत्री



  • Feb 08, 2021 14:03 IST

    मैं देख रहा हूं कि पिछले कुछ समय से इस देश में एक नई जमात पैदा हुई है 'आंदोलनजीवी'. वकील, छात्रों, मजदूरों के आंदोलन में ये लोग नज़र आते हैं. ये पूरी एक टोली है जो आंदोलन के बिना जी नहीं सकते हैं और आंदोलन से जीने के लिए रास्ते खोजते रहते हैं: प्रधानमंत्री



  • Feb 08, 2021 14:01 IST

    MSP पर क़ानून बने यह किसानों के लिए फायदेमंद होगा. देश में भूख से व्यापार करने वालों को बाहर निकाला जाएगा. देश में अनाज की कीमत भूख से तय नहीं होगी. प्रधानमंत्री को अपील करनी चाहिए कि विधायक और सांसद अपनी पेंशन छोड़े उसके लिए यह मोर्चा धन्यवाद करेगा: राकेश टिकैत, BKU



  • Feb 08, 2021 11:59 IST

    मनमोहन सिंह जी ने किसान को उपज बेचने की आज़ादी दिलाने, भारत को एक कृषि बाज़ार दिलाने के संबंध में अपना इरादा व्यक्त किया था और वो काम हम कर रहे हैं. आप लोगों को गर्व होना चाहिए कि देखिए मनमोहन सिंह जी ने कहा था वो मोदी को करना पड़ रहा है: प्रधानमंत्री मोदी



  • Feb 08, 2021 11:59 IST

    शरद पवार, कांग्रेस और हर सरकार ने कृषि सुधारों की वकालत की है कोई पीछे नहीं है. मैं हैरान हूं अचानक यूटर्न ले लिया. आप आंदोलन के मुद्दों को लेकर इस सरकार को घेर लेते लेकिन साथ-साथ किसानों को कहते कि बदलाव बहुत जरूरी है तो देश आगे बढ़ता: पीएम मोदी



  • Feb 08, 2021 11:58 IST

    जो लोग उछल-उछल कर राजनीतिक बयानबाज़ी करते हैं, उनके राज्य में जब उनको मौका उन्होंने इसमें से आधा-अधूरा कुछ न कुछ किया है: राज्यसभा में प्रधानमंत्री 



  • Feb 08, 2021 11:58 IST

    दूध उत्पादन किन्हीं बंधनों में बंधा हुआ नहीं है। दूध के क्षेत्र में या तो प्राइवेट या को-ऑपरेटिव दोनों मिलकर कार्य कर रहे हैं। पशुपालकों जैसी आज़ादी, अनाज और दाल पैदा करने वाले छोटे और सीमांत किसानों को क्यों नहीं मिलनी चाहिए: प्रधानमंत्री



  • Feb 08, 2021 11:32 IST

    पीएम किसान सम्मान निधि योजना से सीधे किसान के खाते में मदद पहुंच रही है. 10 करोड़ ऐसे किसान परिवार हैं जिनको इसका लाभ मिल गया. अब तक 1 लाख 15 हजार करोड़ रुपये उनके खाते में भेजे गये हैं. इसमें अधिकतर छोटे किसान हैं: पीएम मोदी



  • Feb 08, 2021 11:31 IST

    लेकिन जब कर्जमाफी करते हैं तो छोटा किसान उससे वंचित रहता है, उसके नसीब में कुछ नहीं आता है. पहले की फसल बीमा योजना भी छोटे किसानों को नसीब ही नहीं होती थी. यूरिया के लिए भी छोटे किसानों को रात-रात भर लाइन में खड़े रहना पड़ता था, उस पर डंडे चलते थे: पीएम मोदी



  • Feb 08, 2021 11:30 IST

    पीएम ने कहा, 'पहले की सरकारों की सोच में छोटा किसान था क्या? जब हम चुनाव आते ही एक कार्यक्रम करते हैं कर्जमाफी, ये वोट का कार्यक्रम है या कर्जमाफी का ये हिन्दुस्तान का नागरिक भली भांति जानता है.'



  • Feb 08, 2021 11:30 IST

    खेती की मूलभूत समस्या क्या है, उसकी जड़ कहां है. मैं आज पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण जी की बात बताना चाहता हूं. वो छोटे किसानों की दयनीय स्थिति पर हमेशा चिंता करते थे: पीएम 



  • Feb 08, 2021 11:29 IST

    सदन में किसान आंदोलन की भरपूर चर्चा हुई है। ज्यादा से ज्यादा समय जो बात बताई गईं वो आंदोलन के संबंध में बताई गई. किस बात को लेकर आंदोलन है उस पर सब मौन रहे। जो मूलभूत बात है, अच्छा होता कि उस पर भी चर्चा होती: पीएम मोदी



  • Feb 08, 2021 09:04 IST

    दिल्ली के गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है आज 75वां दिन है प्रदर्शन चल रहा है. लेकिन अब किसानों को समझ नहीं आ रहा है आगे की रणनीति कैसे तैयार की जाए, क्योंकि सरकार साफ मना कर चुकी है कि बिल वापस नहीं होगा और किसान भी अपनी मांग पर डटे है. उन्होंने साफ कहा है कि बिल वापिसी नहीं तो घर वापसी नहीं.



  • Feb 08, 2021 06:58 IST

    गणतंत्र दिवस की हिंसा में गिरफ्तारी की कुल संख्या अब 127 तक पहुंच गई है। इससे पहले दिल्ली हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने हरप्रीत सिंह (32), हरजीत सिंह (48) और धर्मेद्र सिंह (55) के रूप में पहचाने गए तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल रिकॉर्डिग के आधार पर पुलिस अब हिंसा में शामिल अन्य आरोपियों का पता लगा रही है.



  • Feb 08, 2021 06:58 IST

     दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी को लालकिले पर किसान विरोध प्रदर्शन के दौरान चंडीगढ़ के एक आरोपी सुखदेव सिंह को गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस ने पहले दीप सिद्धू, जुगराज सिंह, गुरजोत सिंह और गुरजंत सिंह की गिरफ्तारी की सूचना के लिए 1 लाख रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की थी और जजबीर सिंह, बूटा सिंह, सुख सिंह और इकबाल सिंह की गिरफ्तारी के लिए 50,000 रुपये दिए थे। इन सभी पर गणतंत्र दिवस की हिंसा में कथिक लिप्त होने की बात सामने आ रही है.



  • Feb 08, 2021 06:58 IST

     गाजीपुर बॉर्डर पर बीते 2 महीने से अधिक समय से किसानों का प्रदर्शन जारी है. वहीं गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा के बाद से गाजीपुर बॉर्डर इस आंदोलन का एक नया केंद्र बन चुका है.



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