एक बार फिर किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) तेजी से सिर उठाने लगा है. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर हुंकार भरते हुए केंद्र और हरियाणा सरकार को आड़े हाथ ले लिया है. उन्होंने मोदी सरकार को धमकी देते हुए कहा कि किसानों की आवाज किसी भी तरह से नहीं दबाया जा सकता है. इसके साथ ही टिकैत ने किसानों से आंदोलन तेज करने के लिए कहा है. उन्होंने किसानों से कहा कि ट्रैक्टरों के साथ अपनी तैयारी रखो. जमीन बचाने के लिए आंदोलन करना ही होगा.
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सोमवार को किसान नेता राकेश टिकैत ने हरियाणा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, 'किसानों पर हरियाणा सरकार झूठे मुकदमे दर्ज कर उत्पीड़न कर रही है. इससे आप आंदोलन को न हटा सकते हो न दबा सकते हो.' उन्होंने आगे कहा, 'या तो ये किसान और जनता रहेगी या ये सरकार रहेगी. अन्नदाता की आवाज झूठे मुकदमों से दबने वाली नहीं है.'
इससे पहले टिकैत ने ट्वीट करते हुए लिखा, ''सरकार मानने वाली नहीं है. इलाज तो करना पड़ेगा. ट्रैक्टरों के साथ अपनी तैयारी रखो. जमीन बचाने के लिए आंदोलन तेज करना होगा.'
बता दें कि किसान पिछले कई महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि तीनों कृषि कानून को वापस ले लिया जाए और साथ ही एमएसपी पर कानून बनाया जाए.
किसान 30 जून को 'हूल क्रांति दिवस' मनाएंगे
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने 30 जून को सभी सीमा विरोध स्थलों पर 'हूल क्रांति दिवस' मनाने का फैसला किया है. केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन सातवें महीने के करीब है. किसानों के मुताबिक स्थानीय इलाकों के ग्रामीण और खाप भी विरोध का समर्थन कर रहे हैं. एसकेएम ने कहा कि 30 जून को जनजातीय क्षेत्रों के सदस्यों को धरना स्थलों पर आमंत्रित किया जाएगा.
एसकेएम ने हरियाणा में बीजेपी, जेजेपी नेताओं के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रखने और इन नेताओं के प्रवेश का विरोध करने का भी फैसला किया है. इसके अलावा एआईकेएस, एआईएडब्ल्यूयू और सीआईटीयू के कार्यकर्ताओं का एक बड़ा समूह रविवार को सिंधु सीमा क्षेत्र के विरोध स्थल पर पहुंच गया. इसी तरह और भी कई प्रदर्शनकारी गाजीपुर और टिकरी सीमावर्ती इलाकों में पहुंच रहे हैं.