नए कृषि कानून के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन का गुरुवार यानी आज 15वीं दिन है. किसानों को मनाने के लिए मोदी सरकार जुटी हुई है. वहीं आंदोलन कर रहे किसानों ने कहा कि वो तब तक आंदोलन करेंगे जब तक कि नए कृषि कानूनों को रद्द नहीं कर दिया जाता. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल किसान आंदोलन को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस किए. उन्होंने कहा कि सरकार का कोई ईगो नहीं है वो बातचीत के लिए राजी हैं. भेजे गए प्रस्ताव पर विचार करें या फिर उसमें भी कोई आपत्ति हैं तो बताएं. हम बातचीत के लिए तैयार हैं.
नए कृषि कानूनों को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मंडी से किसानों को सरकार मुक्त करना चाहती थी, ताकि वो अपनी उपज कहीं भी, किसी भी कीमत पर जाकर बेच सके. वो मंडी के दायरे से बाहर निकल सके. कृषि विकास के लिए तीनों कानून बनाए गए थे.
चार घंटे बहस के बाद बिला पास हुआ था
उन्होंने कहा कि नए कृषि बिलों को लेकर जब आए तो संसद में चार घंटे तक इस पर बहस चली. 4 घंटे बहस के बाद कृषि बिल पास हुआ. सभी सांसद इसपर अपने विचार रखे. लेकिन अब कुछ किसान यूनियन इसे लेकर विरोध कर रहे हैं.
हमने किसानों को प्रस्ताव भेजा है उस पर करें विचार
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान कह रहे हैं कानूनों वो रद्द कर दिया जाए. हमने उन्हें प्रस्ताव भेजा. लेकिन वो कानून को निरस्त करने के मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार का कहना है कि जिन मुद्दों पर किसान का विरोध है उस पर विचार करने को तैयार है. कानूनों में संशोधन किया जा सकता है. कानून APMC या MSP को प्रभावित नहीं करता है. हमने किसानों को यह समझाने की कोशिश की.
किसान महंगी फसलों की ओर आकर्षित होगा
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम लोगों को लगता था कि कानूनी प्लेटफॉर्म का फायदा लोग अच्छे से उठाएंगे. किसान महंगी फसलों की ओर आकर्षित होगा. नई तकनीक से जुड़ेगा. बुआई के समय ही उसको मुल्य की गारंटी मिल जाएगी.
इस कानून से एमएसपी कहीं से भी प्रभावित नहीं होती है
कृषि मंत्री ने कहा कि कुछ लोगों ने यह भी कहा कि यह कानून वैद्य नहीं है. इस कानून से एमएसपी कहीं से भी प्रभावित नहीं होती है. हम लोगों ने प्रस्ताव दिया कि राज्य सरकार निजी मंडियों की व्यवस्था भी लागू कर सकती है. हमारे एक्ट में ये था कि पैन कार्ड से ही खरीद हो सकेगी. पैन कार्ड से खरीदी को लेकर किसानों के आशंका के समाधान के लिए भी हम राजी हुए.
हम लोगों ने इसके समाधान के लिए भी न्यायालय में जाने का विकल्प दिए
कृषि मंत्री ने कहा कि दूसरा उनका मुद्दा था कि आपने विवाद निपटाने के लिए एसडीएम को शामिल किया है. छोटा किसान होगा छोटे क्षेत्र का होगा तो जब वो न्यायालय जाएगा तो वहां समय लगेगा. हम लोगों ने इसके समाधान के लिए भी न्यायालय में जाने का विकल्प दिए.
Source : News Nation Bureau