अधिकांश किसान दिल्ली बॉर्डर से वापस अपने घर को लौट आए हैं. कृषि कानूनों के खिलाफ करीब एक साल से आ रहे विरोध अब लगभग समाप्त हो चुके हैं, लेकिन सिंघू बॉर्डर (Singhu Border) और गाजीपुर बॉर्डर (Gazipur Border) पर यात्रियों को कुछ दिनों के लिए अभी भी परेशानी झेलनी पड़ेगी. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने कहा है कि जनवरी से गाजीपुर और सिंघू बॉर्डर पूरी तरह से यात्रियों के लिए खुल जाएंगी. अधिकारियों ने सीमाओं को खोलने में देरी का कारण यह बताया है कि पुलिस द्वारा लगाए गए कंक्रीट के बैरिकेड्स को हटाने में कुछ समय लग सकता है, जिसके बाद गहन निरीक्षण किया जाएगा.
यह भी पढ़ें : किसानों का अंतिम जत्था आज यूपी गेट से रवाना, राकेश टिकैत करेंगे नेतृत्व
गाजीपुर दिल्ली और गाजियाबाद को जोड़ता है, जबकि सिंघू बॉर्डर दिल्ली और हरियाणा को जोड़ती है. एनएचएआई के अधिकारियों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि निरीक्षण कार्य 15 दिसंबर से शुरू किया गया है. 15 दिसंबर को ही सीमा पर डेरा डाले हुए किसानों का अंतिम जत्था रवाना हो रहा है. अधिकारियों के मुताबिक, बैरिकेड्स हटाने और निरीक्षण कार्य के साथ-साथ बॉर्डर की सफाई के लिए कम से कम दो सप्ताह का समय लगेगा.
सिंघू बॉर्डर पर लगभग सभी बैरिकेड्स तोड़े गए
इस बीच, दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को सिंघू बॉर्डर पर लगभग सभी बैरिकेड्स को तोड़ दिया, जो प्रदर्शनकारी किसानों को राष्ट्रीय राजधानी की ओर जाने से रोकने के लिए लगाए गए थे. पीटीआई से बात करते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि सिंघू बॉर्डर से सभी अवरोधों को हटा दिया गया है. हालांकि अभी तक सड़क को यातायात के लिए नहीं खोला गया है. पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग के लिए नवंबर 2020 में सिंघू, गाजीपुर और टिकरी सीमाओं की घेराबंदी की थी, जिसे इस महीने की शुरुआत में संसद के शीतकालीन सत्र में वापस ले लिया गया था.
HIGHLIGHTS
- अधिकांश किसान दिल्ली बॉर्डर से वापस अपने घर को लौटे
- जनवरी से गाजीपुर और सिंघू बॉर्डर यात्रियों के लिए खुल जाएंगी
- कंक्रीट के बैरिकेड्स को हटाने में दो सप्ताह का लग सकता है समय