कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन का आज 74वां दिन है. नए कृषि कानून के विरोध में दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डरों पर किसान आंदोलन कर रहे हैं. इसी बीच टिकरी बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) से एक बड़ी खबर आ रही है. टिकरी बॉर्डर पर एक आंदोलनकारी किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है. पुलिस ने किसान के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. बताया जा रहा है कि फांसी लगाने वाला किसान अभी कुछ ही दिन पहले टिकरी बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में शामिल हुआ था.
फांसी लगाने वाले किसान का नाम कर्मवीर सिंह (52) बताया जा रहा है, जो हरियाणा के जींद का रहने वाला था. जानकारी के मुताबिक किसान जींद के सिंहवाला गांव का रहने वाला था. जिसने शनिवार देर रात धरनास्थल के नजदीक बाईपास के पास एक पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. कर्मवीर सिंह का शव रविवार सुबह पेड़ से एक प्लास्टिक की रस्सी के सहारे लटकता हुआ मिला. पेड़ से लटका शव देखते ही पुलिस को मामले की सूचना दी गई. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने कर्मवीर सिंह के शव को पेड़ से उतारकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है.
बताया जा रहा है कि कर्मवीर सिंह कृषि कानूनों को लेकर काफी निराश था और बीती रात काफी निराशाजनक बातें भी कर रहा था. कर्मवीर सिंह ने फांसी लगाने से पहले एक सुसाइड नोट भी मिला था. किसान ने सुसाइड नोट में लिखा था, ''भारतीय किसान यूनियन जिंदाबाद. ये मोदी सरकार तारीख पर तारीख देती जा रही है। इसका कोई अंदाजा नहीं है कि ये काले कानून कब रद्द होगा.'' इससे जाहिर होता है कि वह कृषि कानूनों की वजह से काफी निराश था.
बताते चलें कि केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने शनिवार को ही देशभर में चक्का जाम किया था. किसानों का चक्का जाम दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर बाकी सभी राज्यों में चला. शनिवार को हुआ किसानों का चक्का जाम काफी शांतिपूर्ण रहा. हालांकि, कुछ जगहों से छिटपुट हिंसा की खबरें भी आई थीं.
HIGHLIGHTS
- टिकरी बॉर्डर पर किसान ने की आत्महत्या
- मौके से मिला सुसाइड नोट
- कृषि कानूनों से निराश था किसान
Source : News Nation Bureau