Farmers Protest: फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की खरीद की गारंटी का कानून और मुक्त व्यापार समझौते को खत्म करने जैसी कई मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के साथ आज फिर सरकार के प्रतिनिधियों की बैठक होनी है. हालांकि किसान संगठनों और सरकार के बीच तीन दौर की बैठक हो भी चुकी है, लेकिन सुलह का कोई रास्ता न निकल सका. ऐसे में आज यानी रविवार को होने वाली चौथे दौर की बैठक काफी अहम मानी जा रही है. किसान नेताओं और सरकार दोनों को इस बैठक से कोई समाधान निकलने की उम्मीद है. बैठक के नतीजे के साथ ही आज यह भी तय हो जाएगा कि किसान राजधानी दिल्ली के लिए कूच करेंगे या फिर घर वापसी करेंगे. आपको बता दें कि किसान अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं और उन्होंने दिल्ली कूच के नाम पर पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर डेरा डाल दिया है.
किसानों और सरकार के बीच पहले भी हो चुकी तीन दौर की वार्ता
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किसान संगठनों और सरकार के बीच इससे पहले भी चंडीगढ़ में 8, 12 और 15 फरवरी को बैठक हो चुकी है. लेकिन वार्ता बेनतीजा रही. दरअसल, किसान फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर खरीद की गारंटी वाले कानून की मांग पर अडिग है. हालांकि किसानों की 12 मांगों में से सरकार ने 10 को मान भी लिया है, लेकिन दो मांगों पर अभी भी सहमति नहीं बन पाई है. जिन मांगों पर सहमति नहीं बन पाई हैं उनमें एमएसपी गारंटी कानून, किसानों और खेती मजदूरों की कर्ज माफी और वृद्ध किसानों को पेंशन दिए जाने की मांग है. इस बीत केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा था कि रविवार को किसान संगठनों के साथ होने वाली बैठक में समस्या का समाधान निकलने की उम्मीद है.
किसान संगठनों की मांगें-
- सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बने
- डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से फसलों की कीमत तय हों
- किसान-खेत मजदूरों का कर्जा माफ हो, पेंशन दी जाए
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए
- लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए
- मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए
- किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा, सरकारी नौकरी मिले
- बिजली संशोधन बिल 2020 को रद्द किया जाए
- मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम, 700 रुपए दिहाड़ी हो
- नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां व खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए
- मिर्च, हल्दी एवं अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए
- संविधान की 5वीं सूची को लागू किया जाए
Source : News Nation Bureau