दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन पर बैठे हैं. किसान केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. इस बीच सरकार किसानों की मांग को लेकर कई दौर की बातचीत कर चुकी है. वहीं, बुधवार को केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों पर गतिरोध दूर कर किसान आंदोलन समाप्त कराने की दिशा में सरकार की ओर से की गई पहल पर किसान संगठनों के नेताओं की केंद्र सरकार के साथ छठे दौर की औपचारिक बातचीत होगी.
हालांकि, सरकार और किसान संगठन पहले से तय मुद्दों को लेकर अपने-अपने रुख पर कायम हैं, मगर उन्हें इस बातचीत से समाधान के रास्ते निकलने की उम्मीद है. सरकार की ओर से बार-बार कहा जा रहा है कि किसानों के मसले का समाधान बातचीत से ही होगा और सरकार के आग्रह पर ही आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान संगठनों के नेता अगले दौर की बातचीत के लिए तैयाक हुए हैं. चलिए आपको बताते हैं कि आंदोलन कर रहे किसान संगठनों और सरकार के बीच कितने दौर की बातचीत हुई है.
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सरकार के किसान संगठनों के बीच कब-कब बातचीत
सबसे पहले अक्टूबर में पंजाब के किसान संगठनों के नेताओं के साथ 14 अक्टूबर को कृषि सचिव से बातचीत हुई थी. इसके बाद 13 नवंबर को यहां विज्ञान-भवन में केंद्रीय मंत्रियों के साथ उनकी बातचीत हुई, जिसमें केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलमंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री सोमप्रकाश मौजूद थे.
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सरकार के साथ तीसरे, चौथे और पांचवें दौर की बातचीत, एक दिसंबर, तीन दिसंबर और पांच दिसंबर को विज्ञान भवन में ही हुईं, जिनमें तीनों मंत्री मौजूद थे. इसके बाद आठ दिसंबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक के बाद सरकार की ओर से किसान संगठनों के नेताओं को कानूनों में संशोधन समेत अन्य मसलों को लेकर सरकार की ओर से एक प्रस्ताव नौ दिसंबर को भेजा गया, जिसे उन्होंने नकार दिया दिया था.
वहीं, बुधवार को कृषि कानून को लेकर एक बार फिर सरकार और किसान संगठन बातचीत की टेबल पर होंगे. केंद्र सरकार के मंत्री और आंदोलन कर रहे 40 किसान संगठनों के नेता छठे राउंड की बातचीत करेंगे. किसानों ने इस मुलाकात से पहले अपने चार मुख्य मुद्दे गिना दिए हैं.
Source : News Nation Bureau