दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन का आज 34वां दिन है. किसान संगठनों और सरकार में अभी तक कोई सहमति नहीं बन पाई है. वहीं, कई दौर की बातचीत के बाद केंद्र सरकार ने एक बार फिर 30 दिसंबर को किसानों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया. किसान कांग्रेस ने सोमवार को मांग की कि अगर इन कानूनों को निरस्त नहीं किया गया तो वह देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी. किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि कड़ाके की सर्दी में हजारों किसान दिल्ली सीमा पर जमा हो गए हैं और पिछले एक महीने में हमारे 40 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार जो कॉरपोरेट्स की कठपुतली बन गई है, वह अपने काले कानूनों को वापस नहीं लेने के लिए कृतसंकल्प है.
Source : News Nation Bureau