Farmers Protest : किसानों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई कमेटी से भूपिंदर सिंह मान के अलग होने पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी है. एक अन्य मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि लोगों को समझाने में कुछ भ्रम है. कमेटी का हिस्सा होने से पूर्व एक व्यक्ति की कोई राय हो सकती है, लेकिन उनकी राय बदल सकती है.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबड़े ने क्रिमिनल ट्रायल की गाइडलाइंस से जुड़े मसले को लेकर अहम टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि अगर कमेटी के किसी सदस्य ने किसी मसले को लेकर अपनी राय व्यक्त की है तो इसका मतलब ये नहीं कि वो कमेटी की सदस्य बनने की योग्यता नहीं रखता. उनकी राय बदल भी सकती है. लोगों के बीच कमेटी के गठन को लेकर समझ की कमी नज़र आती है. कमेटी के सदस्य जज नहीं होते है.
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी इसलिए भी अहम है कि क्योंकि किसानों-सरकार के गतिरोध को सुलझाने के लिए कोर्ट ने जिस कमेटी का गठन किया था, उसके सदस्यों की कृषि क़ानून के समर्थन में राय पहले से सार्वजनिक थी. इसे लेकर सवाल उठने के बाद एक सदस्य भूपेंद्र सिंह मान ने इस्तीफा दे दिया था.
Source : News Nation Bureau