Farmers Protest : केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन जारी है. पिछले कई दिनों से दिल्ली पुलिस के साथ जारी बातचीत के बाद आखिरकार बुधवार को किसानों के प्रदर्शन को हरी झंडी मिल गई है. दरअसल, कई सारे मामले ऐसे हो गए हैं, जिन पर दिल्ली पुलिस काफी संभल-संभल कर चल रही थी. सबसे बड़ी चिंता बात यह है कि जिस तरह से अनुमति मिलने के बाद गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी को किसान बेकाबू हुए थे, क्या वही परिस्थिति फिर से बन सकती है.
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यही वजह थी कि किसानों के बार-बार कहने पर भी कि वह शांतिपूर्वक तरीके से प्रदर्शन करना चाहते हैं, फिर भी दिल्ली पुलिस उन्हें परमिशन देने से हिचकती रही. लेकिन, आखिरकार प्रदर्शन शुरू होने से 1 दिन पहले बुधवार को बात बन गई. दिल्ली पुलिस ने गुरुवार से किसानों पर जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की मंजूरी दे दी है, लेकिन सिर्फ 200 किसान ही जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे.
दिल्ली सरकार ने जंतर-मंतर पर किसानों को धरना प्रदर्शन की औपचारिक इजाजत दे दी है. 22 जुलाई से लेकर 9 अगस्त तक सुबह 11:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक संयुक्त किसान मोर्चा के अधिकतम 200 प्रदर्शनकारी किसानों को धरना प्रदर्शन की इजाजत दी गई. कोरोना नियमों के साथ धरना प्रदर्शन की इजाजत दी गई है. दिल्ली में इस समय आपदा प्रबंधन कानून लागू है, जिसके चलते DDMA के दिशा निर्देश के तहत कोई जमावड़ा नहीं हो सकता है, लेकिन किसानों के आंदोलन के लिए दिल्ली सरकार ने दिशा निर्देशों में संशोधन किया और मंजूरी दे दी है.
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इन बातों पर बनी सहमति
- रोजाना 11 बजे से लेकर 5 बजे तक किसान संसद चलेगी.
- हर संगठन से 5-5 किसान शामिल होंगे, जिनकी पहचान पहले से चिह्नित की जाएगी.
- दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शन से किसान सुबह 8 बजे सिंघु बॉर्डर के लिए चलेंगे.
- सिंघु बॉर्डर पर एकत्रित होकर किसान एक साथ करीब 5 बसों में भरकर जंतर-मंतर की ओर से सुबह 10 बजे रवाना होंगे.
- सिंघु बॉर्डर के अलावा किसी अन्य सीमा से किसानों का कोई भी मोर्चा जंतर मंतर की तरफ नहीं जाएगा.
- इन बसों में 200 किसान जाएंगे और उनके साथ-साथ पुलिस की गाड़ियां भी चलेंगी, ताकि बीच में कोई भी गड़बड़ी न हो.
- जंतर-मंतर पर भी बैठने की जगह निश्चित होगी और उन्हीं जगहों पर कोविड नियमों का पालन करते हुए सुबह 11 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक किसान संसद चलेगी.
- जंतर-मंतर पर किसानों की सुरक्षा के सारे इंतजाम किए जाएंगे और सीसीटीवी की भी नजर होगी, ताकि कोई भी बाहरी व्यक्ति प्रदर्शन में शामिल न हो पाए.
- किसान संसद में मंच भी संचालित होगा और उसी मंच से किसान संबोधित भी करेंगे.
- 5 बजे शाम के बाद फिर से उन्हीं बसों से किसान दोबारा सिंघु बॉर्डर चले जाएंगे.
- आते समय भी पुलिस की कड़ी पहरेदारी बसों के आसपास बनी रहेगी, ताकि कोई गड़बड़ी न हो पाए.
- हर रोज करीब 40 संगठनों के 5-5 किसान संसद में शामिल होंगे और उन्हीं 5 किसानों में से एक को मॉनिटर बनाया जाएगा और किसी भी गड़बड़ी की परिस्थिति में उसे जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी.
HIGHLIGHTS
- केंद्र के नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन जारी
- दिल्ली पुलिस ने किसानों को प्रदर्शन करने की अनुमति दी