Farmers Protest: पंजाब-हरियाणा सीमा पर दो प्रदर्शन स्थलों में से एक खनौरी सीमा पर झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मृत्यु, वहीं करीब 12 पुलिसकर्मियों के घायल होने के बाद किसान नेताओं ने बुधवार को ‘दिल्ली चलो’ मार्च दो दिनों के लिए स्थगित कर दिया. किसान नेता सरवन सिंह पंधेर के अनुसार, वे शुक्रवार शाम को आगे की रणनीति को तय करने वाले हैं. आपको बता दें कि दो दिन की शांति के बाद तीन केंद्रीय मंत्रियों के एक दल के साथ रविवार रात को चौथे दौर की वार्ता हुई. यह बैठक भी बेनतीजा साबित हुई. खनौर और शंभू में पंजाब के किसानों ने सुबह दोबारा से आंदोलन शुरू कर दिया.
हरियाणा पुलिस ने बुधवार को बताया कि खनौरी सीमा पर प्रदर्शनकारियों ने उन पर पथराव किया. इस दौरान लाठी और गंडासे का उपयोग किया गया. इस हमले में करीब 12 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए. हरियाणा पुलिस की प्रवक्ता मनीषा चौधरी के अनुसार, हरियाणा के दाता सिंह खनौरी सीमा पर प्रदर्शनकारियों ने पराली में मिर्च पाउडर को डालकर पुलिस को हर तरफ से घेर लिया था. उन्होंने प्रदर्शनकारियों से शांति की अपील की है. इससे पहले हरियाणा पुलिस ने शंभू और खनौरी सीमाओं पर किसानों को अवरोधकों की ओर बढ़ने से रोकने को लेकर बुधवार को उन पर आंसू गैसे के गोले दागे गए.
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फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे किसानों ने ऐलान किया था कि वे इस मुद्दे को हल करने को लेकर किसानों के साथ चौथे चरण की चर्चा विफल होने के बाद बुधवार सुबह 11 बजे अपना प्रदर्शन दोबारा से आरंभ करेंगे.
कई किसानों ने हरियाणा में अंबाला के समीप शंभू में कई चरणों में लगाए अवरोधकों की बढ़ने का प्रयास किया. इसके बाद पुलिस ने उन्हें हटाने को लेकर आंसू गैस के गोल दागे. थोड़ी देर के विराम के बाद दोबारा ऐसी घटना सामने आई. शंभू सीमा के करीब ऊपर एक ड्रोन भी देखा गया. पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी में भी ऐसे हालात देखे गए हैं. इस दौरान हरियाणा पुलिस ने अवरोधकों की ओर बढ़ने के प्रयास कर रहे किसानों को हटाने के लिए आंसू गैस के कई गोले छोड़ दिए.
प्रस्ताव को पूरी तरह से खारिज कर दिया
प्रदर्शनकारी किसानों ने सरकारी एजेंसियों की ओर से पांच साल तक दालें, मक्का और कपास एमएसपी पर खरीदने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. आपको बता दें कि हजारों किसानों 13 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च आरंभ किया था. इन किसानों को हरियाणा सीमा पर रोका गया था. यहां पर उनकी झड़प सुरक्षाकर्मियों से हुई थी. किसान तब से हरियाणा के संग लगती पंजाब की सीमा यानि शंभू और खनौरी सीमा पर बैठे हुए हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. फसलों को लेकर एमएसपी कानूनी गारंटी और कृषि कर्ज माफी सहित अपनी मांगों को तहत केंद्र सरकार पर दबाव बनाने को लेकर ‘दिल्ली चलो’ मार्च की अगुवाई कर रहे हैं.
Source : News Nation Bureau