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तीन नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के मामले में मोदी सरकार को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कानूनों पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. कानून लागू होने के करीब साढ़े तीन महीने बाद इन पर रोक लगाई गई है. सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन और सरकार के साथ किसानों के गतिरोध को सुलझाने के लिए अदालत ने 4 सदस्यों की कमेटी भी बना दी है. इस कमेटी में जितेंद्र सिंह मान (भारतीय किसान यूनियन ), डॉ. प्रमोद कुमार जोशी (इंटरनेशनल पॉलिसी हेड), अशोक गुलाटी (कृषि विशेषज्ञ) और अनिल शेतकारी (शेतकरी संगठन, महाराष्ट्र) सदस्य हैं. आइए जानते हैं आज की किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट में आज की सुनवाई की 10 बड़ी बातें:-
- किसानों के वकील एमएल शर्मा ने कहा कि हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं. हम कमेटी के सामने नहीं जायेंगे. किसान प्रदर्शन से पीछे नहीं हटेंगे. एमएल शर्मा ने कृषि कानून की वैधता को चुनौती दी. उन्होंने कहा कि अगर इस क़ानून के तहत किसम कॉन्ट्रैक्ट करते है तो उनकी ज़मीन छीनी जा सकती है.
- सीजेआई ने कहा कि हम ऐसा अन्तरिम आदेश पास करेंगे कि इस कांट्रेक्ट के तहत आई ज़मीन को बेचा नहीं जाएगा. तब तो आप ख़ुश है! जो भी लोग समाधान चाहते है, उन्हें कमेटी के पास जाकर अपनी बात रखनी चाहिए.
- सीजेआई ने कहा कि हम कानून पर रोक लगा सकते है, पर इससे बात नहीं बनेगी. हमारे पास कमेटी बनाने का अधिकार है. हम समस्या का हल चाहते हैं इसलिए कमेटी बनाने की बात कर रहे हैं. जब आप कहते है कि किसान कमेटी के पास नहीं जायेंगे। सवाल ये है कि क्या सारे किसान ऐसा चाहते है ! अलग अलग यूनियन हैं, उनकी अलग अलग राय है.
- सीजेआई ने कहा कि किसानों के वकील दुष्यंत दवे ने हमें आश्वासन दिया है कि किसान ट्रैक्टर मार्च नहीं करेंगे. कमेटी के सामने पेश होंगे. हम भी जमीनी हकीकत जानना चाहते हैं इसलिए कमेटी बनाने की बात कह रहे हैं.
- एमएल शर्मा ने कहा कि किसान की शिकायतें हैं कि पीएम उनसे बात नहीं कर रहे. इस पर सीजेआई ने कहा कि हम पीएम को कुछ नहीं कह सकते. वो इस मामले में पक्षकार नहीं हैं. कृषि मंत्री पार्टी हैं, वो किसानों से बात करेंगे.
- सीजेआई ने कहा कि हम कानून के अमल पर रोक लगाना चाहते हैं पर अनिश्चित काल के लिए नहीं. लोग अपनी शिकायत कमेटी के सामने रख सकते हैं. कुछ किसान संगठनों की ओर से पेश वकील एपी सिंह ने साफ किया कि उनकी जिन किसानों से बात हुई है, वो कमेटी के सामने पेश नहीं होंगे.
- चार बड़े वकील प्रशांत भूषन, एच एस फुल्का, दुष्यंत दवे, कोलिन गोलजनविश जो कल किसान संगठनों के प्रतिनिधि के रुप में पेश हुए थे, वो आज की सुनवाई में अभी तक पेश नहीं हुए हैं.
- कोर्ट ने केंद्र से सवाल किया कि आरोप है कि कुछ प्रतिबंधित संगठन प्रदर्शन को स्पॉन्सर कर रहे हैं आपका क्या कहना है. इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि खालिस्तान समर्थक इस प्रदर्शन में शामिल हो गए है, ऐसी रिपोर्ट है. 26 जनवरी को कड़ी सुरक्षा रहती है. एक बार वो दिल्ली की सीमा में घुस गए, कहां जायेंगे. कुछ नहीं कहा जा सकता. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सरकार से कल तक हलफनामा दायर करने को कहा है.
- किसान संगठनों की गणतंत्र दिवस को प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली पर रोक की दिल्ली पुलिस की मांग पर भी नोटिस जारी. इस अर्जी पर सोमवार को सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि 26 जनवरी को किसको दिल्ली की सीमा में घुसने दिया जाए या नहीं, ये पूरी तरह से दिल्ली पुलिस के अधिकार क्षेत्र का मसला है. कोर्ट इसमे दखल नहीं देगा.
- सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक कृषि कानून के अमल में लाने पर लगाई रोक. इसके साथ ही चार सदस्यीय कमेटी की गठन भी किया है. इस कमेटी में जितेंद्र सिंह मान (भारतीय किसान यूनियन ) , डॉ. प्रमोद कुमार जोशी (इंटरनेशनल पॉलिसी हेड), अशोक गुलाटी (कृषि विशेषज्ञ) और अनिल शेतकारी (शेतकरी संगठन, महाराष्ट्र) शामिल रहेंगे.
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