केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि कोरोना का दूसरा वेव चल रहा है, इसके मद्देनजर किसानों और उनके यूनियन को COVID प्रोटोकॉल का पालनपालन करते हुए कृषि बिलों के विरोध को स्थगित कर देना चाहिए. उन्होंने किसान संगठनों से एक बार फिर अपील की है कि वे अपना आंदोलन खत्म कर दें. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार किसान संगठनों से बातचीत करने के लिए तैयार है. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “मैंने कई बार किसान संगठनों के नेताओं से बच्चों और वृद्धों को COVID19 के मद्देनजर घर वापस जाने के लिए कहने का आग्रह किया है"
नरेंद्र सिंह तोमर ने आगे कहा "किसानों के मन में असंतोष नहीं है. जो किसान संगठन इन बिलों के विरोध में है उनसे सरकार बातचीत के लिए तैयार है. मैं किसान संगठनों से आग्रह करूंगा कि वे अपना आंदोलन स्थगित करे अगर वे बातचीत के लिए आएंगे तो सरकार उनसे बातचीत के लिए तैयार है"
I had urged union leaders many times to tell children & older people to go back home, in view of COVID19. Now 2nd wave has begun, farmers & their unions should follow COVID protocol. They should postpone the protest & have discussions with us: Union Agriculture Minister NS Tomar pic.twitter.com/5Wlr82CvSu
— ANI (@ANI) April 10, 2021
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि कई किसान संगठन और अर्थशास्त्री इन कृषि बिलों को सपोर्ट कर रहे हैं. सरकार ने विरोध कर रहे किसान सगंठनों के साथ 11 राउंड की बातचीत की है. हम और बातचीत के लिए तैयार हैं. बता दें कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ में किसान संगठनों का आंदोलन लगातार जारी है.
दिल्ली की सरहदों पर किसान महीनों से डेरा जमाएं बैठें हैं. वहीं किसान नेता देश के दूसरे हिस्सों में जाकर भी इन कानूनों के खिलाफ किसानों को लामबंद कर रहे हैं. विरोध कर रहे किसान केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने और फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं.
बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में किसान एक बार फिर आज केएमपी (कुंडली-मानेसर-पलवल) एक्सप्रेस वे को जाम किया। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से केएमपी को 24 घंटे के लिए जाम करने की कॉल दी गई थी। केएमपी एक्सप्रेस वे के जाम को सफल बनाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार को बैठक की गई. मीटिंग के बाद संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से जारी किए गए बयान में किसान नेता डॉ दर्शन पाल ने कहा कि किसान शनिवार को एक्सप्रेस वे को जाम करेंगे, इसके बाद 13 अप्रैल को दिल्ली के बॉर्डर पर खालसा पंथ का स्थापना दिवस मनाएंगे साथ ही जलियांवाला बाग हत्याकांड की बरसी पर शहीदों को सम्मान में कार्यक्रम के आयोजन किए जाएंगे। 14 अप्रैल को संविधान बचाओ दिवस के रूप में किसान बहुजन एकता दिवस मनाया जाएगा।
Source : News Nation Bureau