दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान 20 दिन से डटे हैं. वह झुकने को तैयार नहीं है. केंद्र के तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं. उनका कहना है कि किसी भी हाल में सरकार को तीनों कानून वापस लेना होगा, हम सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने पर मजबूर करेंगे. किसान बुधवार को चिल्ला बॉर्डर जाम करेंगे, जिसकी वजह से लोगों को एक बार फिर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
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दिल्ली नोएडा को जोड़ने वाला चिल्ला बॉर्डर पर किसान पिछले 15 दिनों से कृषि कानून बिल के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं और पिछले शनिवार को जनता की सुविधा को देखते हुए चिल्ला बॉर्डर को आम जनता के लिए खोल दिया गया था, लेकिन सिंघू बॉर्डर पर मंगलवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये तय हुआ है कि बुधवार से चिल्ला बॉर्डर जनता के लिए फिर से बंद कर दिया जाएगा, जिससे रोजाना दिल्ली नोएडा को जाने वाले लोगों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
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गौरतलब है कि किसानों ने मंगलवार को प्रेसवार्ता में कहा कि देश में किसान विरोधी तानाशाही सरकार है. अब लोग सड़कों पर हैं और आंदोलन देशव्यापी है. पहले तीनों कानून रद्द हो फिर सरकार से बात होगी. शहीद भाइयों के लिए 20 दिसंबर को भी नमन होगा. अब 20 साथी शहीद हो चुके हैं. सरकार ने किसानों की मौत का सौदा उद्योगपतियों से किया है.
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किसानों ने कहा कि संशोधन का अर्थ है कि सरकार मानती है कि कानून गलत है. फिक्की सभा में मोदी का भाषण इसलिए था कि कृषि को निवेश के नाम पर लूटो. सरकार के विधायक अपने एजेंटों को किसान के नाम पर समर्थन के लिए ला रहे हैं. आने वाले समय में किसानों का सख्या बढ़ेगी और दिल्ली घिरेगी. मोदी मन की बात करते हैं, लेकिन उनके पास किसानों से मिलने का वक्त नहीं है.
Source : News Nation Bureau