कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन से दो संगठनों ने खुद को अलग कर लिया है. गणतंत्र दिवस पर मंगलवार को दंगाई किसानों ने ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में खूब बवाल मचाया. इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच जमकर झड़प भी हुई थी. इसके बाद दो किसान संगठनों ने आंदोलन से अलग होने का फैसला लिया है. वहीं, कांग्रेस ने कहा कि सरकार का जोर किसान आंदोलन को बदनाम करने पर है.
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कानून व्यवस्था और खुफिया तंत्र की नाकामी के लिए गृहमंत्री अमित शाह बर्खास्त हों! उपद्रवियों की अगुवाई कर रहे अवांछित तत्वों पर मुकदमे दर्ज न कर किसान मोर्चा नेताओं पर मुकदमे दर्ज करने ने मोदी सरकार-उपद्रवियों की मिलीभगत व साजिश को बेनकाब किया.
आपको बता दें कि राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के नेता वीएम सिंह ने BKU के नेता राकेश टिकैत पर गंभीर आरोप लगाते हुए खुद और अपने संगठन को किसान आंदोलन से अलग करने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि हम अपना आंदोलन अब यहीं पर खत्म करते हैं. हमारा संगठन किसान आंदोलन से अलग है.
वहीं, भाकियू के भानु गुट ने भी धरना ख़त्म करने का ऐलान किया. ये किसान संगठन हिंसा से दुखी हैं. किसान नेता भानु प्रताप सिंह ने कहा कि यह किसान नेता तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे थे. हालांकि उन्होंने गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में हुई हिंसा की घटना के बाद आंदोलन से हटने का फैसला लिया है. भारतीय किसान यूनियन भानु के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने मंगलवार को दिल्ली में हुई हिंसा की घटना की निंदा की.
Source : News Nation Bureau