देश में खेती-किसानी से जुड़े नए कानूनों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा के किसानों के चल रहे आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन सुधारों को बहुत जरूरी बताया है. उन्होंने कहा है कि एग्रीकल्चर और इससे जुड़े सेक्टर में खड़ीं दीवारों और अड़चनों को खत्म किया जा रहा है, जिससे कृषि क्षेत्र में ज्यादा निवेश आने से सबसे ज्यादा फायदा किसानों को होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की 93वीं वार्षिक आम बैठक में कहा, 'एग्रीकल्चर सेक्टर और उससे जुड़े अन्य सेक्टर जैसे एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर हो, फूड प्रोसेसिंग हो, स्टोरेज हो, कोल्ड चैन हो इनके बीच हमने दीवारें देखी हैं. अब सभी दीवारें हटाई जा रही हैं, सभी अड़चनें हटाई जा रही हैं.'
उन्होंने कहा कि इन रिफॉर्म्स के बाद किसानों को नए बाजार मिलेंगे, नए विकल्प मिलेंगे, टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, देश का कोल्ड स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर आधुनिक होगा. इन सबसे कृषि क्षेत्र में ज्यादा निवेश होगा. इन सबका सबसे ज्यादा फायदा देश के किसान को होने वाला है. आज भारत के किसानों के पास अपनी फसल मंडियों के साथ ही बाहर भी बेचने का विकल्प है. आज भारत मे मंडियों का आधुनिकीकरण तो हो ही रहा है, किसानों को डिजिटल प्लेटफार्म पर फसल बेचने और खरीदने का भी विकल्प दिया है.
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'अलग-अलग सेक्टर में दीवारें नहीं ब्रिज (पुल) चाहिए ताकि वे एक दूसरे का सपोर्ट कर सकें. बीते वर्षों में इन दीवारों को तोड़ने के लिए प्रयास किए गए हैं. देश के कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए बीते वर्षों में तेजी से काम किए गए है. उससे भारत का एग्रीकल्चर सेक्टर पहले से कहीं अधिक वाइब्रेंट हुआ है.' प्रधानमंत्री ने कहा कि ये निश्चित है कि 21वीं सदी के भारत की ग्रोथ को गांव और छोटे शहर ही सपोर्ट करने वाले हैं. आप जैसे एंटरप्रोन्योर्स को गांव और छोटे शहरों में निवेश का मौका बिल्कुल नहीं गंवाना चाहिए.
प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना काल के दौरान सरकार के प्रयासों की चर्चा की. उन्होंने कहा कि हमेशा से वैश्विक महामारी के साथ एक इतिहास, एक सबक जुड़ा रहा है. जो देश ऐसी महामारी के समय अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों को बचा ले जाता है, उस देश की बाकी सारी व्यवस्थाएं उतनी ही तेजी से सुधरती हैं. भारत ने अपने नागरिकों के जीवन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी. आज इसका नतीजा देश भी देख रहा है, दुनिया भी देख रहा है.
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उन्होंने कहा कि 2020 के इस साल में देश उतार-चढ़ाव से गुजरा है, लेकिन सबसे अच्छी बात रही है कि जितनी तेजी से हालात बिगड़े, उतनी ही तेजी से हालात सुधर भी रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था की चर्चा करते हुए कहा कि आर्थिक संकेतक हौसला और उत्साह बढ़ाने वाले हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'फरवरी-मार्च से जब हालात शुरू हुए थे, तब हम अज्ञात दुश्मन से लड़ रहे थे. सवाल यही था कि कब तक ऐसा चलेगा? कैसे सब ठीक होगा? इन्हीं सवालों, चुनौतियों, चिंताओं से दुनिया का हर मानव फंसा पड़ा था। लेकिन आज दिसंबर आते-आते स्थिति बहुत बदली नजर आ रही है. हमारे पास जवाब भी है और रोडमैप भी है.'
उन्होंने कहा, 'आज जो आर्थिक संकेतक हैं, वो उत्साह बढ़ाने वाले हैं. हौसला बढ़ाने वाले हैं. संकट के समय जो देश ने सीखा है, उसने भविष्य के संकल्पों को और दृढ़ किया है. इसका बहुत ज्यादा श्रेय एंटरप्रेन्योर्स, किसानों, उद्यमियों और देशवासियों को जाता है.' प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में विदेशी निवेशकों ने रिकार्ड इनवेस्टमेंट किया है. आज देश का प्रत्येक नागरिक आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. लोकल के लिए वोकल होकर काम कर रहा है. देश को अपने प्राइवेट सेक्टर के सामथ्र्य पर इतना विकास है. भारत का प्राइवेट सेक्टर न केवल घरेलू जरूरतों को पूरा कर सकता है, ग्लोबली भी अपनी पहचान और मजबूती से स्थापित कर सकता है.