देश में अन्न भंडारन को लेकर क्रांतिकारी योजना को हरि झंडी मिल गई है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को बताया कि देश में दुनिया की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना को अमलीजामा पहनाया जा चुका है. यह सहकारिता क्षेत्र का बड़ा निर्णय है. इस समय 1450 लाख टन खाद्यान्न के भंडारण की क्षमता मौजूद है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के अनुसार, इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के बेसिस पर शुरुआत में केवल दस जिलों में लागू किया जाएगा. इस पर एक लाख करोड़ रुपये का खर्च आने वाला है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के अनुसार, सहकारी क्षेत्र में खाद्यान्न भंडारण की क्षमता को 700 लाख टन बढ़ाने का प्रयास है.
इसके लिए एक लाख करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी मिली है. इस समय देश में अनाज की भंडारण क्षमता 1,450 लाख टन तक है. ऐसा अनुमान है कि अगले पांच साल में भंडारण की क्षमता बढ़कर 2,150 लाख टन तक पहुंच जाएगी. सहकारी क्षेत्र में यह क्षमता बढ़ने वाली है.
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भारत में वार्षिक अन्न के भंडारण की क्षमता 47 प्रतिशत है
अनुराग ठाकुर के अनुसार, भारत विश्व में अनाज के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है. इस योजना की सहायता से भंडारण की कमी के कारण की कमी की वजह से अनाज खराब होता था. यह अब रुकेगा. देखा जाए जो विश्व के कई देशों में भंडारन क्षमता से उत्पादन क्षमता से अधिक है. मगर भारत में वार्षिक अन्न के भंडारण की क्षमता 47 प्रतिशत है. दुनिया के कई देश चीन, अमेरिका, ब्राजील, रूस, अर्जेंटीना आदि के भंडारण की क्षमता सबसे ज्यादा है. इससे वहां किसानों को खास मदद मिलेगी. अनुराग ठाकुर के अनुसार, भंडारण की समस्या का हल न होने की वजह से किसानों को अकसर अपनी फसल कम दामों पर बेच देना पड़ता है. सरकार की इस योजना का लाभ किसानों और खेती जुड़े लोगों को मिलेगा.
HIGHLIGHTS
- इस समय 1450 लाख टन खाद्यान्न के भंडारण की क्षमता मौजूद
- भंडारण की क्षमता बढ़कर 2,150 लाख टन तक पहुंच जाएगी.
- भंडारण की कमी के कारण की कमी की वजह से अनाज खराब होता था.
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