सोमवार से संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है. ऐसे में कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर 22 जुलाई को संसद का घेराव करने का ऐलान किया है, लेकिन दिल्ली पुलिस संसद भवन के बाहर प्रदर्शन की इजाजत देने के मूड में नहीं दिखाई दे रही है. रविवार को किसान नेताओं और दिल्ली पुलिस बीच इसी मामले पर बैठक हो रही है. वहीं, किसानों की ओर से बैठक में 9 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल मौजूद है. पुलिस नहीं चाहती कि किसान संसद के सामने धरना प्रदर्शन करें.
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दिल्ली पुलिस नहीं देगी संसद के सामने प्रदर्शन की मंजूरी
किसानों ने संसद के सामने प्रदर्शन का ऐलान किया है, लेकिन दिल्ली पुलिस इसकी मंजूरी देने के पक्ष में नहीं है. किसान नेताओं के साथ बैठक में दिल्ली पुलिस ने कहा कि किसानों को संसद भवन के सामने प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जाएगी. अगर किसान चाहें तो उन्हें जंतर मंतर का विकल्प दिया जा सकता है. दिल्ली पुलिस ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि किसानों को सीमित संख्या में ही प्रदर्शन की इजाजत होगी.
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दरअसल, इससे पहले किसानों और दिल्ली पुलिस के बीच 24 जनवरी को बैठक हुई थी. इस बैठक में पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर सीमित संख्या में किसानों को ट्रैक्टर मार्च निकालने की अनुमति दी थी. हालांकि, इस दौरान पूरी दिल्ली में हिंसा की घटनाएं सामने आईं थीं. वहीं, दिल्ली एनसीआर के 7 मेट्रो स्टेशनों को अलर्ट पर रखा गया. ताकि जरूरत पड़ने पर कभी भी बंद करवाया जा सके. जिसमें-पत्र में जनपथ, लोक कल्याण मार्ग, पटेल चौक, राजीव चौक, केंद्रीय सचिवालय, मंडी हाउस और उधोग भवन को अलर्ट पर रखने की बात कही है. दिल्ली मेट्रो पुलिस ने मेट्रो को पत्र लिखकर कहा है कि मॉनसून सत्र में किसानों ने संसद के घेराव का ऐलान किया है. इसके मद्देनजर जरूरत पड़ने पर इन मेट्रो स्टेशनों को बंद किया जा सके.
HIGHLIGHTS
- सोमवार से संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है
- किसानों ने संसद के सामने प्रदर्शन का ऐलान किया है
- दिल्ली पुलिस इसकी मंजूरी देने के पक्ष में नहीं है