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किसानों से जुड़े अध्यादेशों का भारी विरोध, आज संसद के बाहर किसान करेंगे प्रदर्शन

किसानों से संबंधित तीन विधेयकों का संसद से लेकर सड़क तक विरोध हो रहा है. संसद में कई विपक्षी दल सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं तो इन विधेयकों के खिलाफ किसान सड़कों पर उतर आए हैं.

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Dalchand Kumar
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कृषि अध्यादेश के खिलाफ आज संसद के बाहर किसानों का प्रदर्शन( Photo Credit : फाइल फोटो)

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किसानों (Farmers) से संबंधित तीन विधेयकों का संसद से लेकर सड़क तक विरोध हो रहा है. संसद (Parliament) में कई विपक्षी दल सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं तो इन विधेयकों के खिलाफ किसान सड़कों पर उतर आए हैं. इन अध्यादेशों के खिलाफ कई किसान संगठन (Farmers Union) मुखर हो गए हैं. आज संसद के बाहर भारतीय किसान यूनियन से बड़ी संख्या में जुड़े किसान धरना प्रदर्शन (Protest) करेंगे. इस विरोध प्रदर्शन में हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से जुड़े किसान शामिल होंगे.

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बता दें कि कृषि में सुधार के कार्यक्रमों को लागू करने और किसानों की आय बढ़ाने के मकसद से संसद में तीन विधेयक लाए गए हैं. सोमवार को इन तीनों विधेयकों को लोकसभा में पेश किया गया. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020 और किसानों (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) का मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 लोकसभा में पेश किए, जबकि आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री राव साहेब पाटिल दानवे ने पेश किया.

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इसके बाद मंगलवार को विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच लोकसभा ने आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी. विधेयक का कई दलों ने विरोध किया. सिर्फ किसान संगठन और विरोधी दल ही नहीं, बल्कि बीजेपी के सहयोगी दल भी सरकार के इस फैसले के विरोध में खड़े हो गए हैं. केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक शिरोमणि अकाली दल ने भी विधेयक का विरोध किया. अकाली दल ने विधेयक और अध्यादेश को वापस लेने की सरकार से मांग की.

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उधर, आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा है कि वह किसानों से संबंधित तीन विधेयकों का संसद में विरोध करेगी. पार्टी ने दावा किया कि ये तीनों विधेयक कृषि क्षेत्र के निजीकरण की दिशा में एक कदम है. आप के सांसद भगवंत मान ने कहा कि ये विधेयक वास्तविकता में किसानों की जिंदगी तबाह कर देंगे. ये कृषि क्षेत्र के निजीकरण की दिशा में एक कदम है. न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएंगे और वे निजी हाथों को खुली छूट दे देंगे. वहीं जरनैल सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी लोकसभा और राज्यसभा में इन तीनों विधेयकों का विरोध करेगी ओर किसानों के हित में खड़ी होगी.

Source : News Nation Bureau

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