जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांग्रेस अध्यक्ष फारूक़ अब्दुल्ला को 'भारत माता की जय' और 'जय हिंद' नारा लगाने की वजह से बुधवार को कश्मीर में नमाज अदा करने के लिए मस्जिद पहुंचने पर काफी विरोध का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं उनके साथ धक्कामुक्की हुई और उनपर जूते भी उछाले गए। विरोध बढ़ता देख बाद में फारूक़ अबदुल्ला मस्जिद से लौट गए। इस घटना के बाद फारूक़ ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "मैं डरने वाला नहीं हूं। अगर वो यह समझते हैं कि इससे आज़ादी आएगी तो मैं इनको कहना चाहता हूं कि पहले बेगारी, बीमारी और भूखमरी से आज़ादी पाओ। मुझे 'भारत माता की जय' कहने से कोई नहीं रोक सकता।"
उन्होंने आगे कहा, 'आज भारत और पाकिस्तान के बीच शांति पूर्ण बातचीत का समय आ गया है। आवश्यकता है कि एक दूसरे से घृणा करना बंद करें। यह देश हिंदू, मुस्लिम, सिख और इसाई सभी धर्म से जुड़े लोगों के लिए है।'
वहीं विरोध को लेकर अब्दुल्ला ने कहा, 'मैं डरा नहीं हूं। प्रदर्शनकारियों के इस रवैये मुझे फर्क नहीं पड़ता। भारत आगे जा रहा है और कश्मीर को भी अपने पैरों पर खड़ा होना होगा। उन्हें अगर ऐसा करना था तो दूसरा वक्त चुनते। नमाज के वक्त ऐसा करना सही नहीं था।'
गौरतलब है कि फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित लोगों से भारत माता की जय और जय हिंद के नारे लगवाए थे।
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भाषण दे रहे फारूक़ ने मौजूद लोगों से कहा था, 'मेरे साथ एक नारा दीजिए। भारत माता की जय।' जब आवाज कम आई तो फारूक ने लोगों से कहा कि अरे भाई लोगों ये तुम्हारी आवाज है? फिर उन्होंने भारत माता की जय, भारत माता की जय और अंत में जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद के साथ अपना भाषण खत्म किया था।'
Source : News Nation Bureau