द कश्मीर फाइल्स फिल्म ने एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर से कश्मीरी पंडितों-हिंदुओं के पलायन और नृशंस हत्या के मामले को राष्ट्रीय स्तर पर बहस के केंद्र में ला दिया है. नब्बे के दशक में घाटी में फैले आतंकवाद ने कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया था जिसके कारण कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों और हिंदुओं ने अपना घर-व्यापार छोड़कर सुरक्षित क्षेत्रों मसलन जम्मू और दिल्ली में शरण लिया. घाटी में इस घटना के लिए कौन जिम्मेदार रहा, इस समय इस पर चर्चा चल रही है. राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप चरम पर है.
इस बीच आज यानि मंगलवार को दिल्ली में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए कौन जिम्मेदार रहा, इसे जानने के लिए एक आयोग कि नियुक्ति होनी चाहिए.
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नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कश्मीरी पंडितों के सवालों पर कहा कि, "मुझे लगता है कि उन्हें (बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार) एक आयोग नियुक्त करना चाहिए और यह उन्हें बताएगा कि कौन जिम्मेदार है ... आप सच्चाई जानना चाहते हैं, आपको एक आयोग नियुक्त करना चाहिए."
बीजेपी सांसद और भोजपुरी फिल्म अभिनेता रवि किशन ने फारूक अब्दुल्ला के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पंडितों को मारा गया, उनके खून से होली खेली की गई और उसे पर्दा डाल कर रखा गया. हकीकत सामने आनी चाहिए लोगों को जानकारी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कश्मीर फाइल्स की तरह वह भी ऐतिहासिक चौरी चौरा कांड पर सिनेमा बना रहे हैं ताकि उसकी हकीकत भी लोगों के सामने आए.