फारूक और उमर अब्दुल्ला को रहना होगा सक्रिय राजनीति से दूर, तभी हो सकेगी रिहाई

संकेत मिल रहे हैं कि राज्य सरकार पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला की रिहाई के लिए एक समझौते पर काम कर रही है.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Omar Abdullah with Farooq Abdullah

डील के तहत हो सकेंगे रिहा पिता-पुत्र.( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

Advertisment

विदेशी राजनयिकों के दौरे और जम्मू-कश्मीर में जारी प्रतिबंधों पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद गतिविधियां तेज हो गई हैं. शुक्रवार को केंद्र सरकार ने बदलते घटनाक्रम के तहत 26 लोगों से पीएसए हटाने का फैसला कर लिया. इसके साथ ही संकेत मिल रहे हैं कि राज्य सरकार पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला की रिहाई के लिए एक समझौते पर काम कर रही है. इसके अनुसार जम्मू-कश्मीर के दोनों प्रमुख नेताओं को सक्रिय राजनीति से कुछ दिन दूर रहने का वादा लिए जाने के बाद ही नजरबंदी से मुक्त किया जाएगा. यह भी कहा जा रहा है कि दोनों नेताओं को राजनीति से दूर रखने के लिए कुछ दिन ब्रिटेन भेजा जा सकता है.

यह भी पढ़ेंः कन्नौज में बस-ट्रक की टक्कर के बाद लगी आग में 20 के मरने की आशंका

पीएसए के तहत बंद है फारुक
सूत्रों का कहना है, 'ऐसा एक प्रस्ताव को तैयार किया जा रहा है जिसके बाद इस पर बातचीत के लिए फारूक और उमर अब्दुल्ला से संपर्क साधा जा सकता है.' सरकार के एक उच्च सूत्रों के मुताबिक, 'एक विचार यह भी है कि दोनों को कुछ समय के लिए ब्रिटेन भेजने का रास्ता निकाला जाए.' सरकारी सूत्रों का कहना है कि दोनों नेता देश से बाहर रहते हुए जम्मू-कश्मीर में मौजूद अपने पार्टी एजेंट्स की मदद से भी मामलों को देख सकते हैं. तीन बार मुख्यमंत्री रहे एवं वर्तमान में लोकसभा सदस्य फारूक अब्दुल्ला पर भी 17 सितंबर को पीएसए लगा दिया गया था.

यह भी पढ़ेंः विरोध के बावजूद देश में CAA लागू, मोदी सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन

सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंधों पर दिया सरकार को निर्देश
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कश्मीर घाटी में इंटरनेट पर रोक और धारा 144 पर रोक के संबंध में उच्चतम न्यायालय के आदेश के चंद घंटे बाद कश्मीर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सहित 26 लोगों पर लगा कड़ा जनसुरक्षा कानून (पीएसए) हटा लिया. इन 26 लोगों में से 11 लोग उत्तरी कश्मीर से और 14 लोग दक्षिणी कश्मीर से हैं. वहीं, कश्मीर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नजीर अहमद रोंगा भी इन लोगों में शामिल हैं. सूत्रों ने बताया कि इन लोगों को शनिवार को रिहा किए जाने की संभावना है. इनमें से कुछ केंद्रशासित प्रदेश से बाहर उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में बंद हैं. जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने हाल में कुछ लोगों से पीएसए हटा दिया था और आदेश पर हस्ताक्षर करने वाले अधिकारियों पर तीखी टिप्पणी की थी.

यह भी पढ़ेंः NASA ने की चेतावनी, चंद्र ग्रहण के बाद आ रहा है बड़ा धूमकेतु, धरती के लिए बन सकता है खतरा

सप्ताह भीतर मांगी जानकारी
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में माना कि इंटरनेट के जरिये सूचनाओं का आदान-प्रदान आर्टिकल 19(1)(A) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में आता है. इंटरनेट पर रोक लगाने के वाजिब कारण होने चाहिए और इसे अनंतकाल तक लागू नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने धारा 144 को लेकर कहा, इसे विचारों की विविधता को दबाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा, सरकार द्वारा प्रतिबंध से जुड़े आदेश कोर्ट में पेश करने से इंकार करना सही नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने जम्‍मू-कश्‍मीर में ई-बैंकिंग और व्‍यापारिक सेवाएं बहाल करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने सरकार से एक हफ्ते के अंदर पाबंदियों के सभी आदेशों की समीक्षा करने को कहा है. कोर्ट ने यह भी कहा, पाबंदियों से जुड़े सभी आदेशों को सार्वजनिक किया जाए ताकि उन्हें कोर्ट में चुनौती दी जा सके.

HIGHLIGHTS

  • शुक्रवार को केंद्र सरकार का 26 लोगों से पीएसए हटाने का फैसला.
  • फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला की रिहाई के लिए समझौता संभव.
  • दोनों को रहना होगा सक्रिय राजनीति से दूर. बाहर भी भेजे जा सकते हैं.

Source : News State

jammu-kashmir Omar abdullah Farooq abdullah Deal HOUSE ARREST
Advertisment
Advertisment
Advertisment