कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बाबरी मस्जिद को लेकर नरसिम्हा राव की सरकार पर करारा हमला बोला है। चिदंबरम ने कहा कि बाबरी मस्जिद पर खतरे की सूचना के बावजूद अपने नियंत्रण में नहीं लेना नरसिम्हा राव सरकार की घातक राजनैतिक भूल थी।
चिदंबरम ने कहा कि घटना को महज फैसले में भूल बताकर दरकिनार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि घटना के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री राव ने पार्टी के कार्यकर्ताओं का विश्वास खो दिया था।
टाटा लिटरेचर लाइव फेस्टिवल 'नरसिंह राव : द फॉरगॉटेन हीरो' पर परिचर्चा के दौरान चिदंबरम ने कहा कि कई लोगों ने नरसिम्हा राव को आगाह किया था कि मस्जिद को खतरा है।
परिचर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि राव सरकार ने एक बयान जारी किया था कि किसी भी परिस्थिति में हम मस्जिद को ध्वस्त करने की इजाजत नहीं देंगे। अगर जरूरत पड़ी तो हम सेना और अर्धसैनिक बलों को तैनात करेंगे।
उन्होंने कहा कि मस्जिद को खतरा अचानक नहीं था और न तो कारसेवकों की तरफ से की गई यह स्वत: स्फूर्त कार्रवाई थी। मस्जिद को खतरा करीब 1987-88 से ही था। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, रामेश्वरम से पत्थर लाए जा रहे थे और वे ट्रेन से यात्रा कर रहे थे। समूची ट्रेन को बुक किया जा रहा था। हर कोई जानता था कि लाखों लोग जुटेंगे।
Source : News Nation Bureau