राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंगलवार को हुई अराजकता की देशभर में निंदा की जा रही है. अभी तक किसानों के साथ सहानुभूति जता रहे आम लोग दिल्ली की घटना के बाद गुस्से में हैं. पुलिस भी किसान नेताओं समेत उपद्रव करने वालों पर कार्रवाई कर रही है. बुधवार को कई बड़े किसान नेताओं पर मुकदमे दर्ज किए गए. शाम होते होते पुलिस की कार्रवाई बढ़ती चली गई. मगर अंधेरा बढ़ने के साथ किसानों के अंदर भय भी बढ़ने लगा. रात में बत्ती काट दी गई तो किसान खौफ में आ गए और पुलिस एक्शन की आशंकाओं के साथ उनकी पूरी रात डर के साए में गुजरी.
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यूपी दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर पर रात में पुलिस द्वारा लाइट कट कर दी गई. जिसके बाद किसानों के बीच हलचल होने लग गई. सभी किसान एकजुट होना शुरू हुए. गाजीपुर बॉर्डर पर किसान लगातार अनाउंसमेंट करते रहे कि साथी घबराएं नहीं, हमारे और किसान साथी चल चुके हैं. जल्दी ही बड़ी संख्या में यहां पहुचेंगे किसान साथी. गाजीपुर बॉर्डर पर किसान जागते रहो के नारे लगाते हुए नजर आ रहे थे तो किसानों में अफरा तफरी का माहौल बना था. माइक से अनाउंसमेंट किया जाने लगा कि सभी किसान तंबू से निकलकर एक जगह इकट्ठा हो जाएं. इसके बाद हालात तनावपूर्ण होते हुए नजर आए. किसानों के हाथ में लाठी डंडे सीधे तौर पर देखे जा रहे थे.
ऐसा इसलिए हुआ कि गाजियाबाद के कौशांबी थाने में भी अधिकारियों की हाई लेवल मीटिंग चल रही थी. मंडल कमिश्नर अनीता सी मेश्राम, एडीजी राजीव सभरवाल, आईजी प्रवीण कुमार, गाजियाबाद डीएम अजय शंकर पांडे, एसएसपी कलानिधि नैथानी समेत तमाम बड़े अधिकारी रात के 2 बजे जागे हुए थे और एक मीटिंग कर रहे थे. जिसके बाद तमाम किसानों को यह डर सता रहा था कि रात में पुलिस प्रशासन कार्रवाई कर सकता है. आंदोलन को खत्म कराया जा सकता है. जिसके मद्देनजर गाजीपुर बॉर्डर पर किसान रातभर जागते रहे और पहरा दे रहे थे.
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गाजीपुर बॉर्डर कार्रवाई के डर से किसान पूरी तरह से अलर्ट दिखाई दे रहे थे. किसानों के हाथ में लाठी डंडे थे. किसान पैदल मार्च निकाल रहे थे. किसान मंच से अनाउंसमेंट भी कर रहे थे कि सभी लोग एकजुट हो जाएं, साथ ही गाजीपुर बॉर्डर की तरफ से आने वाले सर्विस लाइन फ्लाईओवर के नीचे किसानों ने ट्रैक्टर ट्रॉली लगा दी गईं, ताकि दिल्ली पुलिस आसानी से अंदर ना आ सके. इस तरह से किसानों की आज की रात एक डर के साए में गुजरी.