World Book Fair 2024: नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में 'फेस्टिवल ऑफ फेस्टिवल' की एक नई पहल, लेखक और साहित्य-प्रेमियों के लिए शानदार मंच

World Book Fair 2024: नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2024 में 'फेस्टीवल ऑफ़ फेस्टीवल्स' कार्यक्रम भारत के उभरते पुस्तक मेलों को एक बेहतरीन मंच उपलब्ध करवाता है.

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Sourabh Dubey
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Festival_of_Festivals( Photo Credit : social media)

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World Book Fair 2024: नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2024 में 'फेस्टीवल ऑफ़ फेस्टीवल्स' कार्यक्रम भारत के उभरते पुस्तक मेलों को एक बेहतरीन मंच उपलब्ध करवाता है, जहां पर देश के विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले आयोजकों और मुख्य धारा के लेखकों को एक मंच मिलता है. वे यहां पर बड़ी संख्या में पाठकों और श्रोताओं से जुड़ते हैं. नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया ने इसकी शुरुआत देश में पठन-संस्कृति को बढ़ाने के उद्देश्य से की है, जहां पर पुस्तक और भाषा प्रोन्नयन की दिशा में काम करने वाली संस्थाओं के सहयोग से देश में पढ़ने का बेहतर वातावरण मिलता है. देश के नॉलेज पार्टनर के रूप में अपने दायित्व को समझते हुए यह पहल इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और पुस्तक मेलों के आयोजन में यह एक अभूतपूर्व प्रयास है.

फेस्टीवल ऑफ फेस्टीवल्स के उद्घाटन समारोह में अहमदाबाद लिट फेस्ट, सिने दरबार, भारत लिट फेस्ट और प्रगति-ई-विचार लिट फेस्ट, द ग्रेट इंडियन बुक टूर और सोल्ह टॉक्स जैसे लोकप्रिय पुस्तक उत्सवों के 100 से अधिक वक्ता शामिल हुए. भारत लिटरेचर फेस्टीवल के संरक्षक डॉ. चंद्र प्रकाश द्विवेदी ने देश में लेखकों, पुस्तकों और पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक सराहनीय पहल के रूप में एफओएफ की सराहना की.

उन्होंने एनबीटी इंडिया के आदर्श वाक्य, "एक: सूते सकलम्" और भारत लिटरेचर फेस्टीवल के दर्शन, "आनो भद्राः क्रत वोयंतु विश्वत:" (सभी दिशाओं से नेक विचार आने दें) के साझा उद्देश्य के अनुरूप तालमेल बिठाने पर प्रकाश डाला. उन्होंने आगे कहा कि नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2024 में भारत लिटरेचर फेस्टीवल को मिले पाठकों के उत्साह ने देशभर में भविष्य की साहित्यिक गतिविधियों के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम करने की एफओएफ की क्षमता को रेखांकित किया है.

एफओएफ के इस संस्करण में, भारत लिट फेस्टिवल ने लेखिका शर्मिष्ठा मुखर्जी, अभिनेत्री अदा शर्मा, पत्रकार सौरभ द्विवेदी और मीडिया दिग्गज रजत शर्मा सहित कई साहित्यिक दिग्गजों की मेजबानी की.

पीवीएलएफ और सोल्ह टॉक्स के महोत्सव आयोजक श्री कपिल गुप्ता ने एफओएफ के आयोजन में एनबीटी-इंडिया द्वारा प्रदर्शित सहयोगात्मक भावना की सराहना की. 
'द ग्रेट इंडियन बुक टूर' और एस्पायरिंग ऑथर्स एलायंस ऑफ इंडिया के प्रशांत गुप्ता ने कहा, "एफओएफ में 'द ग्रेट इंडियन बुक टूर' को शामिल करने से उभरते लेखकों को श्रोताओं के साथ बातचीत करने और स्वीकृति प्राप्त करने के लिए एक प्रमुख मंच मिला. इस आयोजन ने न केवल भाग लेने वाले लेखकों के कद को बढ़ाया बल्कि ज्ञान के आदान-प्रदान और विकास के अवसरों को भी सुविधाजनक बनाया."

अहमदाबाद लिट फेस्टिवल के संस्थापक-निदेशक उमाशंकर यादव ने बताया, ''अहमदाबाद लिट फेस्ट ने एफओएफ के भीतर छह आकर्षक सत्र आयोजित किए, जिनमें कई लेखक और विचारक मुकुल कुमार, कवि एवं लेखक, स्क्वाड्रन लीडर तूलिका रानी, राजनयिक अभय के., कुमुद वर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. उपेन्द्रनाथ रैना और लोकप्रिय साहित्यिक एजेंट और लेखक सुहैल माथुर शामिल थे.

फेस्टीवल ऑफ फेस्टीवल्स के तहत, नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के आयोजक, नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया साहित्यिक सत्र आयोजित करने के लिए मंच, ब्रांडिंग अवसर और ऑनसाइट लॉजिस्टिक्स उपलब्ध कराता है.

"नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया, भारत सरकार के नोडल निकाय के रूप में, एक समृद्ध पठन- संस्कृति को बढ़ावा देने वाली पहलों का लगातार समर्थन करता है. फेस्टिवल ऑफ फेस्टिवल्स (एफओएफ) इस प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में खड़ा है.”, नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया के अध्यक्ष प्रोफेसर मिलिंद मराठे ने कहा.

फेस्टिवल ऑफ फेस्टिवल्स की संकल्पना करने वाले नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया के निदेशक श्री युवराज मलिक ने विस्तार से बताया- एफओएफ पढ़ने और किताबों की एक जीवंत संस्कृति विकसित करने के हमारे सामूहिक प्रयास का उदाहरण  है.

पुस्तकों के बीच सामाजिक जागरूकता फैलाने के प्रयास

पुस्तकों के महाकुंभ में पाठक पुस्तकों के साथ-साथ जागरूक भी हो रहे हैं. प्रगति मैदान के हॉल 1 में भारत के महारजिस्ट्रार, गृह मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से स्टॉल लगाया गया है, जहाँ पर पुस्तक मेले में आए पाठकों को जागरूक किया जा रहा है कि प्रत्येक जन्म और मृत्यु का पंजीकरण करवाना आवश्यक है. पाठकों को जन्म प्रमाण-पत्र के फायदों के बारे में बताया जा रहा है. 1 अक्तूबर, 2023 से सभी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जन्म प्रमाण- पत्र को एकल दस्तावेज के रूप में रखा गया है.

इसी तरह यहां यूनिसेफ का स्टॉल है. स्टॉल प्रबंधक आनंद के अनुसार, '''एवरी चाइल्ड अलाइव' अभियान के तहत यहाँ लोगों को जागरूक किया जा रहा है ताकि विकसित भारत के कार्यक्रम को बेहतर तरीके से एक साथ मिलकर आगे बढ़ा सकें. भारत में शिशु मृत्यु दर को कैसे कम किया जा सके, बच्चों के उपयुक्त पोषण के लिए क्या—क्या किया जाए और उनके स्वास्थ्य को किस तरह बेहतर बनाएं? विश्व पुस्तक मेले में आए हजारों पाठक अब तक हमारे स्टॉल पर आ चुके हैं और इस जागरूक कार्यक्रम का हिस्सा बन चुके हैं.'' 

हॉल 1 में ही पाठकों खासकर युवाओं के बीच मतदान प्रक्रिया के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए चुनाव कार्यालय, नई दिल्ली की ओर से एक स्टॉल सजा है. इस पर युवाओं की खूब भीड़ लगी है. बीएलओ अमरेंदु के अनुसार, ''विश्व पुस्तक मेले में दिल्ली के ही नहीं, दिल्ली के बाहर से भी पाठक आ रहे हैं, वे हमारे स्टॉल पर आकर मतदान करने, ईवीएम के इस्तेमाल और हैकिंग जैसी गलतफहमियों के प्रति जागरूक हो रहे हैं.

निर्वाचन आयोग का लोगों को जागरूक करने का जो मकसद है, वह यहाँ आकर वह पूरा हो रहा है. युवा और यहां तक कि स्कूली बच्चे जो 18 साल के बाद मतदान करने केंद्रों पर जाएँगे, हमारे यहां से उन्हें विशेष लाभ मिल रहा है.'' 

पाठकों के लिए पीएम का चैलेंज

हॉल 1 में 'विकसित भारत एम्बेसडर 100 डेज चैलेंज' का स्टॉल है, जिसे भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोशल मीडिया टीम ने लगाया है. यहाँ नमो ऐप की प्रदर्शनी है जिसके माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी के 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए पाठकों को 100 दिनों का चैलेंज दिया रहा है. इस चुनौती को स्वीकार करने के लिए बहुत से युवा पीएम सोशल मीडिया के इस स्टॉल पर आ रहे हैं.

उनके लिए यहां एंड्रॉयड सेल्फी प्वाइंट है, जिसमें स्क्रीन के सामने खड़े होकर युवा सेल्फी ले रहे हैं और अपना नाम और मोबाइल नंबर डालकर एसएमएस के जरिये सेल्फी लिंक प्राप्त कर रहे हैं. 100 दिनों के चैलेंज में पाठकों को नमो ऐप डाउनलोड कर उसमें पंजीकरण करना होगा और 100 दिनों के भीतर प्रधानमंत्री द्वारा जारी योजनाओं को साकार करने, सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने और आॅनलाइन लेन—देन करने की फोटो अपलोड करनी हैं. यह कार्यक्रम पीएम सोशल मीडिया टीम द्वारा 'जन मन सर्वे' के तहत किया जा रहा है. 

लेखक मंच 

गुरुवार को नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के हॉल 2, लेखक मंच में 'नो शॉर्टकट प्लीज!' पुस्तक के हिंदी व अंग्रेज़ी दोनों संस्करणों का विमोचन एवं चर्चा सत्र का आयोजन किया गया. इस अवसर पर साधुमार्गी पब्लिकेशन के संपादक और मुख्य वक्ता आशुतोष शुक्ला ने कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता, पुस्तक में यह बात कई उदाहरणों के साथ बताई गई है. जो व्यक्ति थोड़े प्रयास से सफलता प्राप्त करता है, वह बहुत जल्द ही पतन की ओर बढ़ने लगता है. 

साहित्य अकादमी ने भी यहाँ एक 'कविसंधि' कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें हिंदी भाषा प्रसिद्ध साहित्यकार दिविक रमेश ने कविता पाठ कर पाठकों से काव्य रचना, प्रेरणा, विषय और अन्य प्रमुख बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की. उन्होंने कहा, "साहित्य मनुष्य को बचाने का काम करता है, हालाँकि मैं कई विधाओं में लिखता हूँ लेकिन मूलत: मैं कवि हूँ. हर कवि का स्वर एक—दूसरे से भिन्न है. इनके द्वारा लिखित काव्य को समझने बैठें, तो दस जन भी कम पड़ेंगे.'' 

लेखक मंच पर ही राजपाल एंड संस के आयोजन 'कालजयी कवि और उनके काव्य' सत्र में विख्यात आलोचक प्रो. हरीश त्रिवेदी, आलोचक डॉ. बलवंत कौर, समाज विज्ञानी डॉ. हिलाल अहमद और दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. धर्मेन्द्र प्रताप सिंह ने संत कवियों के इस काव्य संग्रह पर विस्तृत चर्चा की. उन्होंने संत कवियों की भाषा, दर्शन, ज्ञान, प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला. राजपाल एंड संस की संत कवियों की इस श्रृंखला में अमीर खुसरो, जायसी, रहीम, मीरा, गुरु नानक, शाह फकीर, तुलसीदास, मीरा, सूरदास, रैदास, कबीर और बुल्ले शाह जैसे अनेक कवियों की श्रेष्ठ रचनाओं का संग्रह शामिल है. 

गुरुवार को लेखक मंच पर आयोजित एक सत्र के दौरान उपस्थित प्रसिद्ध लेखिका ममता कालिया ने बताया कि वह 2003 से लगातार इस नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में आ रही हैं. वह नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले का इंतजार करती रहती हैं. बदलाव पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में पाठक पुस्तक के बारे में सोशल मीडिया पर जानकारी देखता है फिर पुस्तक खरीदता है. पहले वह अपने किसी दोस्त से या किसी पत्रिका में पुस्तक की समीक्षा पढ़कर पुस्तक खरीदता था. आजकल एक नई बात यह भी हुई है कि पुरानी किताबों को नए आकर्षित कलेवर में प्रकाशित किया जा रहा है जिससे पाठक पुराने साहित्य को भी आसानी से प्राप्त कर सकता है. पुस्तक मेलों पर विचार प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया ने यह अनोख मेला लगा कर सराहनीय कार्य किया है. मेले चलते रहने चाहिए, मेले लगते रहने चाहिए क्योंकि पुस्तकें जीवन का आधार हैं.

थीम मंडप

बहुभाषी भारत को परिलक्षित करते थीम मंडप में नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया की पुस्तक 'शिमला' का विमोचन कार्यक्रम हुआ. लेखिका डॉ. रचना गुप्ता ने पुस्तक के बारे बताते हुए कहा कि यह पुस्तक की शिमला के इतिहास और उसकी संस्कृति समेत अन्य विविध पक्षों पर गहन शोध कार्य है. कार्यक्रम में जाने—माने पत्रकार राहुल देव और राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के निदेशक युवराज मलिक उपस्थित थे. राहुल देव ने नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के बारे में वक्तव्य में कहा, ''ज्ञान का कुंभ है. ज्ञान में जितनी डुबकियाँ लगाएँ, उतना कम है. मन करता है कि यहाँ रोज आएं और कुछ-न-कुछ नया ज्ञान लें.'' 

गुरुवार को थीम मंडप से ही इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) ने सांस्कृतिक सूचना विज्ञान के निदेशक प्रोफेसर प्रतापानंद झा, निदेशक (प्रशासन) डॉ. प्रियंका मिश्रा और डी.सी. चौबे की उपस्थिति में "गीत गोविंद" पर एक इंटरएक्टिव मल्टीमीडिया प्रस्तुति दी. इसमें विभिन्न भारतीय कला रूपों- नृत्य, संगीत और चित्रकला का उपयोग करते हुए राधा और श्रीकृष्ण की कहानी के तीन चरणों- मिलन, विरह और पुनर्मिलन को चित्रित किया गया. 

विश्व पुस्तक मेले के सम्मानित अतिथि देश सऊदी अरब ने अंतर्राष्ट्रीय गतिविधि मंच में "राउम अलसुहैबानी : ए जर्नी टू इंडिया" पर एक वार्ता का आयोजन किया. वक्ता राउम अलसुहैबानी एक योग प्रशिक्षक हैं और उन्होंने अपने विश्वविद्यालय से ही योग में दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी थी. राऊम अलसुहैबानी ने बताया कि वह योग के बारे में और अधिक जानने के लिए भारत आई क्योंकि यह योग की उत्पत्ति का देश है. उन्होंने बताया कि योग का अभ्यास जीवन के सभी हिस्सों पर किया जाना चाहिए और योग जीवन के हर पहलू को नियंत्रित करता है. कार्यक्रम का संचालन सलमान अलसामा ने किया.

हॉल 4 अंतर्राष्ट्रीय गतिविधि मंच पर ही ईरान बुक एंड लिटरेचर हाउस द्वारा 'भारत और ईरान में फारसी कविताओं की समानताएं' विषय पर आयोजित एक सत्र में कुर्बान वलेई मोहम्मदाबादी और जोहिर तवाकोली ने अपने विचार रखे. कार्यक्रम में बताया गया कि कैसे 13वीं सदी में फ़ारसी प्रशासनिक भाषा थी और कैसे भारतीय और ईरानी लंबा इतिहास, संस्कृति और साहित्य साझा करते हैं. वे बताते हैं कि कैसे हमारी जड़ें एक जैसी हैं. 

नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के हॉल 3, बाल मंडप में 'बहुभाषी भारत: एक जीवंत परंपरा' थीम के अंतर्गत प्रख्यात कहानीकार और लेखिका सुश्री विनीता जुत्शी द्वारा हिमाचली लोककथा सुनाई गई. इस कहानी के माध्यम से बच्चों को स्वयं के प्रति ईमानदार रहने का संदेश दिया गया. यह एक अन्य सत्र में टाटा ट्रस्ट की पहल पराग के सहयोग से एनबीटी, इंडिया द्वारा आयोजित एक सत्र में प्रसिद्ध कहानीकार वसुन्धरा बहुगुणा ने अपने सत्र की शुरुआत सफ़र हाशमी जी द्वारा लिखित "किताबें करती हैं बातें" नामक सुंदर हिंदी कविता के साथ की, बाद में उन्होंने बच्चों को "टिफिन दोस्त" और "कैसा-कैसा" नामक कविताएँ भी सुनाईं. 

भारत की जीवंत सांस्कृतिक विविधता और अद्वितीय पारंपरिक मूल्यों का जश्न मनाते हुए माउंट आबू पब्लिक स्कूल, रोहिणी, सेक्टर 5 के शिक्षकों और छात्रों द्वारा लिखित "एक भारत श्रेष्ठ भारत" पुस्तक का विमोचन नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया के निदेशक युवराज मलिक ने किया. उन्होंने पुस्तक की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षकों के मार्गदर्शन में बच्चों द्वारा तैयार की गई यह पुस्तक हर बच्चे के लिए प्रेरणा है. इस चित्रात्मक पुस्तक में बच्चों को जीवन मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया है.   

बाल मंडप में राष्ट्रीय बाल साहित्य केंद्र, एनबीटी, इंडिया ने कार्टून नेटवर्क के सहयोग से एक बाल सुपरहीरो ड्राइंग प्रतियोगिता का आयोजन किया. इस अवसर पर लेखक श्री मुकेश नौटियाल ने सुपरहीरो ड्राइंग के लिए बच्चों का मार्गदर्शन किया. बच्चों ने सुपरहीरो ड्राइंग प्रतियोगिता में खूब आनंद लिया और सुंदर चित्र बनाए.

गरिमा ने बच्चों को पढ़ने के लिए किया प्रेरित

गुरुवार को ही बाल मंडप में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता बालिका के संवाद सत्र का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में बहुप्रतिभाशाली दृष्टिबाधित बच्ची गरिमा अपने परिवार के साथ आई थी. इस अवसर पर अपने कार्यों के बारे में बताते हुए गरिमा ने कहा कि वह स्कूल चलें अभियान को बहुत पंसद करती है और वह झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को, विद्यालयों में बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं. उन्होंने बच्चों को जीवन में सकारात्मकता को बनाए रखने की प्रेरणा भी दी.

आर्थर कॉर्नर

नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के हॉल 5 आर्थर कॉर्नर में इंविंसिबल पब्लिशर्स द्वारा आयोजित कार्यक्रम 'हंस राज हंस के साथ संवाद' में सांसद और प्रसिद्ध सूफी गायक हंस राज हंस द्वारा लिखित पुस्तक 'मोदी | द मैन | द विजन | द ट्रांसफॉर्मेशन' का विमोचन किया गया. इस अवसर पर पुस्तक के लेखक हंस राज हंस ने बताया कि यह पुस्तक उनके द्वारा रोजाना लिखे गए नोट्स के आधार पर तैयार की गई है. इस पुस्तक में देश के प्रधानमंत्री एवं विश्व के सर्वाधित लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रेरक कार्यों का उल्लेख किया गया है.

इस अवसर पर उन्होंने सूफीवाद पर भी बात रखते हुए कहा कि सूफी वह होता है जो पूरी दुनिया के लिए प्रार्थना करें. उन्होंने बताया कि वैसे तो वह संगीत के विद्यार्थी हैं लेकिन उन्होंने बचपन से काफी पुस्तकें पढ़ी हैं. उन्होंने पुस्तकों के महत्व पर बोलते हुए कहा कि पुस्तकों के माध्यम से धरती को स्वर्ग बनाया जा सकता है. प्रौद्योगिकी के कारण आज सुनने में अक्षम व्यक्तियों के लिए भी ऑडियो पुस्तकें उपलब्ध हैं.

दुनिया में सबसे आवश्यक है पढ़ना. पुस्तकों से आप ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं. इस समय पुस्तकें आसानी से उपलब्ध है. राष्ट्रीय प्रकाशकों की पुस्तकें हो या अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशकों की नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में जो चाहिए वह पुस्तक उपलब्ध है.

नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के हॉल 5 आर्थर कॉनर में श्री सचिन जैन की 'राइज़ टू इन्फ्लुएंस' और डॉ. विकास कुमार सिंह की 'एन्सिप्रेन्योर' नामक पुस्तकों का विमोचन किया गया. दोनों लेखकों ने पाठकों से पुस्तकों के बारे में विस्तार से बात की.

संपादक एवं लेखक श्री गुलाब कोठारी, सांसद और प्रसिद्ध सूफी गायक हंस राज हंस, प्रसिद्ध लेखिका श्री ममता कालिया ने आज नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले का दौरान किया. इंटरनेशनल पब्लिशर्स एसोसिएशन की प्रेसिडेंट कैरिना पांसा, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री विजय गोयल, प्रख्यात चित्रकार अमिताव दास और शोभा सिंह ने भी नई दिल्ली पुस्तक मेले का दौरा किया.

सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत 'भाषाओं के रंग, कवियों के संग' के अंतर्गत विभिन्न भाषाओं में कविता पाठ किया गया. इसके बाद शादाज बैंड द्वारा प्रस्तुति दी गई. हिमायलन बिट्स पर प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया.

Source : News Nation Bureau

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