दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को लोक नायक जय प्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल के मेडिकल बोर्ड से एक विवाहित महिला की आठ महीने की गर्भावस्था को समाप्त करने की याचिका पर रिपोर्ट मांगी, चूंकि भ्रूण मस्तिष्क संबंधी समस्याओं से ग्रस्त था. न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने मामले को 5 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध किया और प्रतिवादी को मामले की जांच करने का निर्देश देते हुए कहा, गर्भावस्था की अवधि को ध्यान में रखते हुए, एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल बोर्ड को निर्देश दिया जाता है कि वह आज ही याचिकाकर्ता की मेडिकल जांच करवाए और इस अदालत को एक रिपोर्ट पेश करे.
26 वर्षीय महिला ने याचिका में उल्लेख किया है कि 12 नवंबर को भ्रूण में मस्तिष्क संबंधी असामान्यता पाई गई थी और दो दिन बाद एक अन्य अल्ट्रासाउंड से इसकी पुष्टि हुई थी. हालांकि, जब से उसने गर्भधारण किया तब से उसने कई अल्ट्रासाउंड करवाए थे.
याचिकाकर्ता के वकील ने प्रस्तुत किया कि ऐसे मामलों में गर्भपात की अनुमति मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (एमटीपी) अधिनियम की धारा 3(2बी) और 3(2डी) के तहत दी जा सकती है. वकील ने कहा, चूंकि गुरु तेग बहादुर अस्पताल में एमटीपी मामलों के लिए मेडिकल बोर्ड नहीं है, इसलिए एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल बोर्ड द्वारा भ्रूण की जांच की जा सकती है.
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Source : IANS