भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को अपने विधानसभा क्षेत्र नंदीग्राम में तिरंगा बाइक रैली को रोकने के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस को 'राष्ट्र विरोधी ममता पुलिस' कहा. पुलिस ने रैली को यह कहते हुए रोक दिया था कि आयोजकों ने केवल पदयात्रा (पैदल मार्च) के लिए अनुमति ली थी, न कि दोपहिया वाहन रैली के लिए. बाद में, अधिकारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की, जिन्होंने उनकी तिरंगा यात्रा में बाधा डाली और राष्ट्रीय ध्वज का अनादर किया." इससे पहले, विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि वह पाकिस्तान में नहीं हैं और उन्हें तिरंगा यात्रा के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी. “मैं इस्लामाबाद, पाकिस्तान में नहीं खड़ा हूं. हमें तिरंगा यात्रा के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है. क्या पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय ध्वज फहराना अपराध है?”
उन्होंने कहा, “क्या पीएम के आह्वान को अंजाम देने के लिए अनुमति लेने की आवश्यकता है? यह शर्मनाक है. उन्होंने एक ट्वीट करते हुए लिखा, आम जनता भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के साथ इकट्ठी हुई और 'भारत माता की जय' के नारे लगाते हुए मेरे साथ मार्च किया. राष्ट्र विरोधी ममता पुलिस ने हमारे रास्ते में बाधा डाली और हमें बताया कि हमें ऐसा करने की अनुमति नहीं है. सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने अभी अधिकारी के आरोपों का जवाब नहीं दिया है.
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सुवेंदु अधिकारी ने आगे कहा कि कोई भी किसी भी राजनीतिक दल का झंडा नहीं ले जा रहा था, केवल भारतीय राष्ट्रीय ध्वज ही साथ में था. "क्या पश्चिम बंगाल में ऐसा करना अपराध है?" भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकों से 2 से 15 अगस्त के बीच अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने या प्रदर्शित करने और अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर 'तिरंगा' का उपयोग एक प्रदर्शन चित्र के रूप में 'हर घर तिरंगा' अभियान को एक जन आंदोलन में बदलने का आग्रह किया है.