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कोरोना से जंग: इस बार रमजान हेल्पलाइन के पैनल में डॉक्टर भी होंगे शामिल

हर साल रमजान के महीने में मुसलमानों की रोजे और नमाज से संबंधित विभिन्न आशंकाएं दूर करने के लिए शुरू की जाने वाली मशहूर रमजान हेल्पलाइन इस बार कोरोनावायरस संक्रमण से जुड़ी हुई जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए अपने पैनल में चिकित्सकों को भी शामिल करेगी.

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Aditi Sharma
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इस बार रमजान हेल्पलाइन के पैनल में डॉक्टर भी होंगे शामिल( Photo Credit : प्रतिकात्मक तस्वीर)

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हर साल रमजान के महीने में मुसलमानों की रोजे और नमाज से संबंधित विभिन्न आशंकाएं दूर करने के लिए शुरू की जाने वाली मशहूर रमजान हेल्पलाइन इस बार कोरोनावायरस संक्रमण से जुड़ी हुई जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए अपने पैनल में चिकित्सकों को भी शामिल करेगी. 'इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया' द्वारा संचालित की जाने वाली इस हेल्पलाइन में आमतौर पर रोजे की विभिन्न स्थितियों और नमाज से जुड़े मसलों पर लोगों के सवालों के जवाब दिए जाते हैं. यह हेल्पलाइन शरीयत के आधार पर धार्मिक परामर्श भी जारी करती है। इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने बुधवार को बताया, 'हमारी हेल्प लाइन पर न सिर्फ पूरे देश से बल्कि दूसरे मुल्कों से भी लोग कॉल करके अपनी आशंकाएं दूर करते हैं. इस बार हम अपने पैनल में डॉक्टरों को भी शामिल करेंगे.'

उन्होंने बताया 'हम रोजेदारों को यह समझाने की कोशिश करेंगे कि कोरोना वायरस संक्रमण के इस दौर में वे अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे मजबूत बनाए रखें, क्योंकि रोजे की हालत में दिनभर कुछ भी खाया पिया नहीं जाता है. ऐसे में मौजूदा सूरते हाल के मद्देनजर उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होना बेहद जरूरी है.' मौलाना फिरंगी महली ने कहा कि रोगों से लड़ने की ताकत को बनाए रखने के लिए सेहरी और इफ्तार के दौरान क्या खाएं और क्या न खाएं, इस बारे में हेल्पलाइन के जरिए रोजेदारों को डॉक्टरों के माध्यम से बताया जाएगा.

उन्होंने कहा कि रोजा तमाम जिस्मानी और रूहानी कमजोरियों को दूर करने का बेहतरीन जरिया है लेकिन उसे किस तरह सही अंदाज में अपनाया जाए इस बारे में जानकारी देना भी इस हेल्पलाइन का काम होगा मौलाना फिरंगी महली ने इस दफा लॉकडाउन के दौरान पड़ रहे रमजान के महीने में सभी मुसलमानों से अपने-अपने घर में रहकर ही तमाम नमाज अदा करने और तरावीह पढ़ने की अपील की है. उन्होंने बताया कि अगर किसी को रमजान के दौरान मस्जिदों में नमाज अदा ना करने के औचित्य के संबंध में भी किसी तरह का संदेह है तो भी हेल्पलाइन के जरिए दूर किया जाएगा.

इसके अलावा लॉक डाउन के कारण इस बार रमजान में सेहरी और इफ्तार का वक्त बताने के लिए छापे जाने वाले कैलेंडरों का प्रकाशन नहीं हो पाया है, लिहाजा हेल्पलाइन के जरिए लोगों को इस बारे में भी जानकारी दी जाएगी. मौलाना फिरंगी महली ने रमजान हेल्पलाइन के बारे में बताया कि रमजान के महीने में बड़ी संख्या में लोगों के जेहन में तरह-तरह के सवाल पैदा होते हैं. इस हेल्पलाइन के जरिए वे हमारे पैनल से अपने जवाब हासिल कर सकते हैं. इस बार हमारे साथ डॉक्टर भी होंगे जो लोगों के स्वास्थ्य संबंधी सवालों के जवाब देंगे. उन्होंने बताया कि यह हेल्पलाइन वर्ष 2002 में उनके पिता मौलाना अहमद मियां फिरंगी महली ने शुरू की थी. यह अपनी तरह की अनोखी हेल्पलाइन है जो लोगों को दीनी मार्गदर्शन देती है. यह शरीयत के आधार पर लोगों को सलाह देती है. इस पर न सिर्फ फोन के जरिए बल्कि व्हाट्सएप और ईमेल के जरिए भी सवालों के जवाब मांगे जा सकते हैं

Source : Bhasha

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