LCA mark 1: वायुसेना का लंबे समय से चल रहा इंतजार आज खत्म हो गया है. देश का पहला स्वदेशी लड़ाकू विमान LCA मार्क वन वायुसेना में शामिल हो गया है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की पूरी कोशिश है कि 31 मार्च से पहले वायुसेना को पहला स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट में मिल जाएगा. रक्षा मंत्रालय ने फरवरी 2021 में हिंदुस्तान एयरोनॉरिटक्स लिमिटेड के साथ 48 हजार करोड़ रुपये का करार किया था. इसके तहत वायुसेना को 83 तेजस मार्क-1 एयरक्राफ्ट दिए जाने थे. HAL वायुसेना को सभी इंटीग्रेशन के संग 31 मार्च तक LCA डिलीवर कर सकता है. इस लड़ाकू विमान को पाकिस्तान के नजदीक राजस्थान के बीकानेर में नाल एयरबेस स्टेशन पर तैनात करने की तैयारी है. आइए जानने की कोशिश करते हैं इस स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट की क्या हैं खासियतें.
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पिछले वैरिएंट से हल्का है
मार्क-1ए पिछले वैरिएंट से थोड़ा हल्का है. ये साइज में छोटा है. इसकी लंबाई 43.4 फीट है. इसकी 14.5 फीट की ऊंचाई है. इसकी अधिकतम रफ्तार 2200 km/hr की है. इसकी कॉम्बैट रेंज 739 किलोमीटर तक है. इसकी फेरी रेंज 3 हजार किलोमीटर है. यह विमान अधिकतम ऊंचाई 50 हजार फीट तक उड़ने में सक्षम है. इसमें 23 मिलिमीटर की ट्विन-बैरल कैनन लगी है. इसमें रॉकेट्स, मिसाइलें, बम लगाया जा सकता है.
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस तेजस MK-1
तेजस एमके-1 में खास मिशन में उन्नत मिशन कंप्यूटर, उच्च प्रदर्शन क्षमता वाला डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC Mk-1A) है. इसमें स्मार्ट मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले (SMFD) है. विमान की सबसे खास बात है इसका एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार, एडवांस्ड सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट की सुविधा हैं. यह फाइटर जेट तेजस एमके-1 की तरह है. इसमें कई चीजों को बदला गया है.
कितना आता है फ्यूल, इतनी है स्पीड
तेजस में 2458 KG का ईंधन आ जाता है. इसकी अधिकतम रफ्तार 1980 KM प्रतिघंटा है. ये ध्वनि की गति से डेढ़ गुना अधिक रफ्तार से उड़ता है. यह अधिकतम 53 हजार KM की ऊंचाई पर पहुंच सकता है. इसका साइज छोटा है. इसकी कॉकपिट कांच की है. इससे पायलट को चारों तरफ देखने में आसानी होती है. ये विश्वभर में अन्य विमानों से बहुत सस्ता है. इसमें हवा से सतह पर मार करने वाली कई मिसाइलें लग सकती हैं. इस विमान में BrahMos-NG ALCM को लगाने की कोशिश है.
Source : News Nation Bureau