सुप्रीम कोर्ट (SC) ने पश्चिम बंगाल में फिल्म द केरल स्टोरी से बैन हटा दिया है. पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने झटका देते हुए इस फिल्म को राहत दी है. सीजेआई ने कहा, हम पश्चिम बंगाल के फिल्म पर बैन लगाने के निर्णय पर रोक लगाएंगे. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल सरकार इस फिल्म पर बैन लगा दिया गया था. कानून व्यवस्था का हवाला देकर सरकार ने इस फिल्म पर बैन लगा दिया. सीजेआई ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि फिल्म को सेंसर बोर्ड से मिले सर्टिफिकेट मामले पर हम गर्मी के अवकाश के बाद सुनवाई करने वाले हैं. कोर्ट ने कहा, थिएटर को सुरक्षा देना राज्य सरकार का काम है. अब फिल्म को लेकर अगली सुनवाई 18 जुलाई को होने वाली है. फिल्म के प्रोड्यूसर के वकील वकील हरीश साल्वे ने अपनी दलीलें रखी थीं.
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चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की कोर्ट में सुनवाई के समय फिल्म पर बैन लगाने की मांग रखी गई. ऐसा कहा गया कि फिल्म को असली दिखाने का प्रयास किया गया है. वहीं डिस्क्लेमर में ऐसा कुछ भी नहीं है. ऐसा नहीं किया जा सकता है. इस दौरान CJI ने फिल्म के प्रोड्यूसर के वकील हरीश साल्वे से पूछा, यह 32 हजार लड़कियों को निशाना बनाने के आंकड़े को तोड़-मरोड़ कर सामने रखे गए हैं. इसके बारे में प्रकाश डालिए. तो साल्वे ने कहा कि यह किसी तरह का प्रामाणिक आंकड़ा नहीं है. यह विवाद का बिल्कुल विषय नहीं है. साल्वे के अनुसार, हम डिस्क्लेमर में ये दिखाने को बिल्कुल तैयार हैं कि कोई प्रामाणिक डेटा इसपर अभी उपलब्ध नहीं है.
गौरतलब है कि फिल्म 'द केरल स्टोरी' पर पांबदी लगाने को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि दंगे की आशंका को लेकर प्रतिबंध लगाया गया. इसके जवाब में सीजेआई ने कहा, कानून व्यवस्था कायम रखना राज्य की पहली जिम्मेदारी है.
HIGHLIGHTS
- फिल्म को लेकर अगली सुनवाई 18 जुलाई होने वाली है
- थिएटर को सुरक्षा मुहैया कराना राज्य सरकार का काम है: CJI
- सिंघवी ने कहा था कि दंगे की आशंका को लेकर प्रतिबंध लगाया गया