लाभ के पद मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों के खिलाफ दायर याचिका पर अंतिम सुनवाई 23 जुलाई यानी सोमवार को होगी। दिल्ली हाई कोर्ट के आदेशानुसार चुनाव आयोग इस मामले में अंतिम सुनवाई करेगा।
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इस मामले में आयोग ने जोर देकर कहा कि 20 आप विधायकों को अवैध रूप से संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त करने के आदेश की अवैधता लाभ के पद धारण करने वाले याचिकाकर्ताओं को दोषमुक्त नहीं करती है। आयोग ने अपने आदेश में याचिकाकर्ताओं को इन तथ्यों पर बहस करने से बचने और लाभ के पद वाले संकीर्ण प्रश्न के दायरे में रहने की सलाह दी।
चुनाव आयोग ने इससे पहले कहा था, 'आप विधायकों ने अपने अधिकार में लाभ का पद संभाला था और इसीलिए उन्हें अयोग्य घोषित करना न्यायोचित था। आप विधायकों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसने मार्च में चुनाव आयोग को याचिकाकर्ताओं का पक्ष सुनने का निर्देश दिया था।'
इसके साथ ही चुनाव आयोग ने कहा, 'उच्च न्यायालय ने आयोग को पक्ष सुनने का निर्देश दिया था कि लाभ का पद क्या है तथा इसके बाद स्थिति की पुनर्समीक्षा करने का भी निर्देश दिया है।
बता दें कि इससे पहले हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग की सिफारिश और राष्ट्रपति की अधिसूचना को रद्द कर दिया था। चुनाव आयोग ने आप विधायकों को विधायक रहते हुए लाभ के पद लेने के आरोप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
जिसके बाद आप विधायक हाई कोर्ट का रुख किए थे। इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि इन विधायकों की सुनवाई ठीक से नहीं हुई है इसलिए आयोग फिर से सुनवाई करे। जिसके बाद चुनाव आयोग ने 20 विधायकों को फिर से बुलाया है।
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Source : IANS