वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने गुरुवार को 20 लाख करोड़ रुपये की दूसरी किस्त का ऐलान किया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश के हर राज्यों में वन नेशन, वन राशन योजना लागू होगी. मोदी सरकार एक देश, एक राशन कार्ड सिस्टम लेकर आई है, जिसमें राशन कार्ड देश के किसी कोने में इस्तेमाल किया जा सकेगा. गरीबों को राशन डिपो से इसका फायदा मिलेगा.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को अगले दो महीने फ्री आनाज मिलेगा. बिना राशन कार्ड वाले लोगों को भी फ्री में 5 किलो चावल और 1 किलो चना मिलेगा. सरकार पीडीएस के जरिये मजदूरों की राशन बांटेगी. मुफ्त राशन के लिए दो महीने में 3500 करोड़ रुपये खर्च होंगे. बिना राशन कार्ड वाले 8 करोड़ लोगों को मदद मिलेगी.
वहीं, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज गरीबों और मजदूरों के लिए मदद का ऐलान किया है. सीतारमण ने कहा कि शहरी गरीबों और प्रवासी मजदूरों के लिए एसडीआरएफ फंड का इस्तेमाल और प्रवासी मजदूरों के लिए शेल्टर बनाने के लिए करने की अनुमति दी गई है. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने राज्यों को 11002 करोड़ रुपये जारी किए हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि शहरी बेघर लोगों को लॉक डाउन (Lockdown) के बाद 28 मार्च से दिन में 3 बार साफ और पौष्टिक खाना इन शेल्टर होम्स में उपलब्ध कराया जा रहा है.
केंद्रीय वित्त मंत्री ने बताया कि 12000 सेल्फ हेल्प ग्रुप 3 करोड़ मास्क और 1.20 लाख लीटर सैनिटाइजर का विनिर्माण कर रहा है. उन्होंने कहा कि पैसा पोर्टल से स्वयं सहायता समूहों को रिवॉल्विंग फण्ड उपलब्ध कराया जा रहा है. पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर गुजरात मे किया गया अब मई माह में पूरे देश में यह प्रैक्टिस किया जा रहा है. 15 मार्च के
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शुरुआत से अब तक 72 स्वयं सहायता समूह बने हैं.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के लिए मनरेगा के तहत काम दिया गया है. 13 मई तक 14.62 करोड़ काम दिन पैदा किया गया. अब तक 10 हज़ार करोड़ खर्च किया गया है. उन्होंने कहा कि 1.87 लाख ग्राम पंचायतों में 2.33 करोड़ लोग काम की तलाश कर रहे हैं. पिछले साल के मई की तुलना में 40-50 फीसदी अधिक लोग पंजीकृत हुए हैं. लौट रहे प्रवासी मजदूरों को एनरोल करने का काम जारी है. वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों और संघ शासित राज्यों से अपील की गई है कि वे उन्हें काम दें. प्लांटेशन, हॉर्टिकल्चर और जीविका के लिए भी मानसून में ऐसा ही प्लानिंग मनरेगा के लिए किया जा रहा है.