डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से परेशान लोगों के लिए जल्द ही सरकार राहत भरा कदम उठाने जा रही है।
वित्त मंत्रालय के सचिव हसमुख अधिया ने बताया कि सरकार पेट्रोलियम पदार्थों को कुछ चरणों में माल और सेवा कर (जीएसटी) में शामिल करेगी।
जीएसटी के मुद्दे पर बोलते हुए अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के अध्यक्ष एस रमेश ने कहा,' काफी समय से पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी में लाने की मांग हो रही थी, इसको लेकर तैयारियां की जा चुकी है। जीएसटी काउंसिल को बस बदलावों पर मुहर लगाने की देर है।'
वर्तमान में डीजल, पेट्रोल, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस और विमानन टरबाइन ईंधन जीएसटी के दायरे से बाहर हैं, और राज्यों के पास इन वस्तुओं पर अतिरिक्त टैक्स लगाने का अधिकार है।
अधिया ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा,' हमारे सामने उठाई जा रही कई मांगों में से पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाना भी एक मांग है। हम इसको चरणबद्ध तरीके से लागू करेंगे।
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गौरतलब है कि विमानन मंत्रालय ने भी काउंसिल के सामने पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग की थी।
विमानन मंत्रालय ने कहा कि टरबाइन ईंधन के बढ़ते दामों का असर यात्री किराए और माल-भाड़े पर होगा और यह सेवाएं और महंगी हो जाएंगी।
सचिव ने कहा, ' हम लगातार जीएसटी के सरलीकरण की प्रक्रिया में लगे हुए हैं। कोई भी चीज खामी रहित नहीं होती। हम लगातार सुधार कर रहे हैं। हम इसके अलावा कुछ भी नहीं कर सकते क्योंकि हमें राजस्व का ख्याल भी रखना पड़ता है।'
उन्होंने कहा कि हमें गरीबों के बारे में और उनकी चिंताओं का भी ख्याल है इसीलिए हम निश्चित रूप से उस दिशा में कुछ बेहतर करना चाहते हैं।
जीएसटी में वर्तमान में चार स्लैब हैं - 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत। इससे पहले नवंबर में जीएसटी परिषद ने 178 वस्तुओं पर टैक्स रेट घटाकर 28 फीसदी कर दिया था।
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Source : News Nation Bureau