पाकिस्तान के प्रधामंत्री इमरान खान की नींद लगातार उड़ी हुई है. चाहे क्रिकेट हो या फिर जंग का मैदान. हर तरफ से उन्हें हार का ही सामना करना पड़ रहा है. आतंकियों को फंडिंग देने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्ट टास्क फोर्स (FATF) के निशाने पर आ गया है.
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फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) द्वारा दिए गए 27 में से 25 बिंदुओं पर पाकिस्तान फेल हो गया है. ये सभी कार्रवाई बिंदु पाकिस्तान को लश्कर और आतंकी संगठन जैसे जमात-उत-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन जैसे आतंकी समूहों को फंडिग की जांच की खातिर दिए गए थे. पाकिस्तान इन 27 बिंदुओं में से 25 को पूरा नहीं कर पाया है.
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इन बिंदुओं में नाकाम होने के बाद आज पाकिस्तान को FATF द्वारा ग्रे लिस्ट से ब्लैक लिस्ट में डालने का प्रस्ताव लाया जा सकता है. ओरलैंड में बैठक चल रही है. पाकिस्तान इस मीटिंग में फिर एक बार अपने जवाबों को तैयार कर रहा है. अगर वह ब्लैक लिस्टेड हो जाता है तो है तो पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी बज जाएगी.
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कोई भी बड़ी संस्था उसे कर्ज देने के लिए तैयार नहीं होगी. जिससे उसके डिफॉल्ट होने का खतरा बढ़ जाएगा. आतंकी संगठनों पर कार्रवाई न करने के कारण पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में डाला गया था. ताकि पाकिस्तान जैश और लश्कर के खिलाफ कार्रवाई कर सके.
भारत के लिए ये है चिंता
ओरलैंड में 16-21 जून तक चल रही बैठक में भारत चाहता है कि पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाए. क्योंकि लगातार पाकिस्तान को वार्निंग देने के बाद भी वह टेरर फंडिग से बाज नहीं आ रहा है. अगर वह ब्लैक लिस्ट नहीं हुआ तो जो पैसा दूसरी संस्थाओं से मिलेगा उससे पाकिस्तान केवल आतंकियों को बढ़ावा देगा.
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क्योंकि उसे अपने नागरिकों के हितों की जरा भी फिक्र नहीं है. इतना ही नहीं, भारत के लिए इससे बड़ी चिंता यह है कि जुलाई में चीन को उपाध्यक्ष का पद मिल जाएगा. अगर ऐसा होता है तो वह पाकिस्तान को कभी ब्लैक लिस्ट में जाने नहीं देगा. क्योंकि इससे पहले मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने में वह हमेशा अड़ंगा लगाता रहा है.
क्या है FATF
FATF दुनिया भर में आतंकियों को आर्थिक मदद पर नजर रखने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था है. यह एशिया-पैसिफिक ग्रुप मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फाइनेंसिंग, जनसंहार करने वाले हथियारों की खरीद के लिए होने वाली वित्तीय लेन-देन को रोकती है. 1989 में इसका गठन मनी लांड्रिंग रोकने के लिए किया गया था. लेकिन 2001 में इसका काम बदल गया और यह आतंकियों को दी जाने वाली वित्तीय मदद पर नजर रखने लगी.
HIGHLIGHTS
- FATF की ब्लैक लिस्ट में आया तो नहीं मिलेगा बड़ा लोन
- 27 में से 25 बिंदुओं पर फेल हुआ पाकिस्तान
- ओरलैंड में 16-21 जून तक चल रही है बैठक